कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा – महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ अपना परफॉर्मेंस सुधारें, पदों के दायित्व का निर्वहन नहीं करने पर जिला पंचायत CEO द्वारा दो पंचायत सचिव भी निलंबित
रतलाम/इंडियामिक्स : जिले में सेवाओ व जन कल्याणकारी नीतियो को लगातार कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम सुचारू रूप से लागू करवाने में लगे हुए हैं। उनके द्वारा विभागों की समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कार्यो की व अधिकारियों की रिपोर्ट भी देखी जा रही है। इसी के चलते शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में महिला बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। जिसमे कलेक्टर ने बैठक में पूरक पोषण आहार वितरण में प्रगति कमजोर पाए जाने पर जिले के चार परियोजना अधिकारियों को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। और यह भी कहा की परफॉर्मेंस सुधार नहीं किए जाने पर वेतन भी रोका जाएगा।
इसके साथ ही जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला बाल कल्याण समिति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला स्तरीय टास्क फ़ोर्स समिति , प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जिला स्तरीय समिति एवं सेल वन स्टॉप जिला स्तरीय समिति की संयुक्त की बैठक भी ली । बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी भी मौजूद थे।
बैठक में कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री रजनीश सिन्हा, जिला बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष श्री सुधीर निगम, सदस्य श्रीमती सुमित्रा आवतानी, सहायक संचालक सुश्री अंकिता पंड्या, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्रीमती पूनम तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री केसी शर्मा, नगर निगम आयुक्त श्री सोमनाथ झरिया, डीएसपी महिला प्रकोष्ठ श्रीमती शीला सुराणा, प्राचार्य अग्रणी कॉलेज डॉ. संजय वाते भी उपस्थित थे।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी मीनाक्षी सिंह ने 2 को किया निलंबित :-
दूसरी ओर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती मीनाक्षी सिंह द्वारा शनिवार को दो पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया है। जिनमे पहला नाम जनपद पंचायत आलोट की ग्राम पंचायत खमरिया के सचिव का है। पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करना, कार्य के प्रति लापरवाही तथा उदासीनता बरतने, निर्देशों की अवहेलना के कारण सचिव गोपाल डांगी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर जनपद पंचायत आलोट में संबंध किया गया है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत खमरिया में विधायक निधि से चबूतरा निर्माण गौशाला के पास हर्ट निर्माण, पेवर ब्लॉक निर्माण, पानी की व्यवस्था के लिए निर्मल नीर निर्माण कार्य स्वीकृत है किंतु सचिव द्वारा कार्य पूर्ण करने में कोई रुचि नहीं ली जाने से निलंबन की कार्रवाई की गई है।
वहिं दूसरा नाम जनपद पंचायत आलोट के अंतर्गत ग्राम पंचायत हिम्मत खेड़ी के सचिव राकेश खींची का है । पंचायत सचिव राकेश खिंची को मध्यप्रदेश पंचायत सेवा नियम 1999 नियम (4)(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर जनपद पंचायत आलोट में सम्बद्ध किया है ।कार्यसुविधा की दृष्टि से ग्राम पंचायत हिम्मत खेड़ा का प्रभार ग्राम सचिव ग्राम पंचायत जमुनिया शंकर को अस्थाई रूप से दिया गया है।
इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार ग्राम पंचायत हिम्मतखेड़ी के ग्राम वासियों द्वारा की गई शिकायत की जांच उपयंत्री नकुल राठौर एवं पंचायत समन्वय अधिकारी रामलाल सूर्यवंशी द्वारा करवाई गई थी। जिसमें ग्राम हरिया खेड़ा की खेत तालाब खुदाई के मस्टर में अपनी मर्जी से फर्जी मजदूर का नाम जोड़ने एवं भुगतान करने आरोप सत्य पाया गया था। इस अनियमितता पर राकेश खिंची को निलंबित किया गया। निलंबन अवधि के दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी।
गर्भवती महिलाओं की उचित देखभाल करें -कलेक्टर पुरुषोत्तम :-
कलेक्टर द्वारा की गई समीक्षा में रतलाम शहर क्रमांक दो ,पिपलोदा, जावरा ग्रामीण तथा आलोट परियोजना क्षेत्रों में पूरक पोषण आहार का वितरण प्रतिशत अत्याधिक कम पाए जाने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित सीडीपीओ को शोकाज नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि विभाग गर्भवती महिलाओं की उचित देखभाल पर अपना फोकस करें । महिला की गर्भावस्था के प्रारंभ से ही यह ध्यान दिया जाए कि उसको उचित आहार तथा आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जाए इससे बच्चा कुपोषित नहीं होगा ।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की समीक्षा के दौरान कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि महिलाओं तथा युवतियों को कौशल संवर्धन उन्नयन प्रशिक्षण देने के साथ ही उनके रोजगार की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जाना चाहिए, मात्र प्रशिक्षण देने से काम नहीं चलेगा। उनको प्लेसमेंट भी दिलवाया जाए। लाडली लक्ष्मी ,पीएम मातृ वंदना योजना की भी समीक्षा की गई।
परिवार के सभी बच्चों के मान से पोषण आहार दिया जाए :-
कलेक्टर श्री पुरुषोत्तम ने निर्देश दिया कि परिवार के सभी बच्चों के मान से पोषण आहार का वितरण किया जाए। कुपोषित बच्चों के घर पर सिर्फ कुपोषित बच्चों को यदि पोषण आहार दिया जाता है तो उसे बड़े एवं छोटे बच्चे भी यह पोषण आहार खा लेते हैं जिससे कुपोषित बच्चे को पूरा पौष्टिक आहार नहीं मिलता। आदिवासी क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखने का दायित्व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपा जाए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पोषण को दूर करने के लिए प्रशिक्षण कराया जाए। सोसाइटी वाईज गर्भवती महिलाओं हेतु डाइट की प्लानिंग की जाए। कुपोषण दूर करने के लिए माइक्रो प्लानिंग किए जाने हेतु उन्होंने निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि सैलाना एवं बाजना की गर्भवती महिलाओं की कैपेसिटी बिल्डिंग करें ताकि स्थिति में सुधार हो । यदि गर्भवती महिला स्वस्थ होगी तो बच्चा स्वस्थ होगा और कुपोषण समाप्त हो जाएगा। बैठक में शहरी विकास अभिकरण महिला एवं बाल विकास विभाग के समस्त परियोजना अधिकारी मौजूद थे।