इंडियामिक्स/लखनऊ बढ़ते विवाद के बाद उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वाराणसी के यूपी कॉलेज परिसर पर अपना दावा छोड़ दिया है। यह बात बोर्ड के किसी सदस्य ने तो नहीं बताई लेकिन कालेज के प्राचार्य डॉ धर्मेंद्र कुमार सिंह का तो यही दावा है। इसी सिलसिले में प्राचार्य ने पत्र भी जारी किया है। प्राचार्य ने कहा कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव ने साफ बता दिया है कि बोर्ड की तरफ से 18 जनवरी 2021 को जारी नोटिस निरस्त किया जा चुका है। अब विवाद का कोई मतलब नहीं है। परीक्षा के साथ पठन-पाठन का काम ठीक से चलना चाहिए। मजार पर सामान्य दिन हो या पर्व, किसी भी दिन साउंड या झालर लगाना या किसी तरह के अन्य आयोजन पर भी प्रतिबंध होगा।
वहीं यूपी कॉलेज परिसर की मजार पर नमाज और विवाद के बीच पुलिस, प्रशासन की सख्ती बरकरार है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल भी टीम के साथ यूपी कॉलेज पहुंचे और एक-एक पॉइंट पर जाकर सुरक्षा के साथ कानून व्यवस्था की जानकारी ली। पुलिस आयुक्त ने साफ कहा कि कॉलेज परिसर में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। फोटोयुक्त पहचान पत्र दिखाकर ही छात्र-छात्रा, शिक्षक और कर्मचारी कॉलेज परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। इसके लिए परिसर के बाहरी और आंतरिक हिस्से में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। दो छात्रावासों में पीएसी के जवान रोके गए हैं। अर्दली बाजार, गिलट बाजार और शिवपुर पुलिस सतर्क है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि बाहरी लोगों को रोकने के लिए बोर्ड लगवाए गए हैं। परीक्षा का समय है। इसमें किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न नहीं होने दिया जाएगा।
दरअसल वक्फ बोर्ड ने अपनी दावेदारी ऐसे ही वापस नहीं ली है। प्राचार्य ने कहा कि यूपी कॉलेज में वक्फ बोर्ड की कोई संपत्ति नहीं है। मस्जिद या मजार के नाम पर खतौनी में कुछ नहीं है। छात्रों का आंदोलन चल रहा था। यूनिवर्सिटी की मान्यता पाने के लिए कोई दिक्कत नहीं आएगी। बाहर से आकर नमाज पढ़ने वालों को कैंपस में आने की अनुमति नहीं दी जायेगी। कॉलेज परिसर में रहने वाले जो कई साल से नमाज पढ़ रहे हैं, उन्हीं को यहां आने दिया जाए। यदि कम संख्या में नमाजी आएंगे तो छात्रों को भी आपत्ति नहीं होगी। शांति व्यवस्था बनी रहेगी। आधार कार्ड देखने के बाद ही नमाजियों को परिसर में प्रवेश दिया जाना चाहिए।
वक्फ बोर्ड के दावेदारी छोड़ने के बाद यूपी कॉलेज के प्राध्यापक, वर्तमान और पूर्व छात्र, कॉलेज से जुड़े सदस्य और काशी के लोगों से आग्रह है कि वक्फ के दावे संबंधी मामला अब समाप्त हो गया है। सभी लोग आपसी भाईचारा और सौहार्द्र बनाए रखे। यहां पठन-पाठन के अलावा दूसरा कोई काम नहीं किया जाना चाहिए।