विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर गुस्से में हैं.
वाशिंगटन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर गुस्से में हैं. उन्होंने साफ किया है कि यदि अगले 30 दिनों में WHO ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया, तो वह फंडिंग को स्थायी रूप से रोक देंगे. ट्रंप ने WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेबियस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) को इस संबंध में एक पत्र लिखा है.
अमेरिका राष्ट्रपति ने अपने पत्र में कहा है, ‘यह स्पष्ट है कि महामारी से निपटने में आपके और आपके संगठन द्वारा बार-बार गलत कदम उठाये गए, जिसका खामियाजा पूरी दुनिया को उठाना पड़ रहा है. WHO के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका यह है कि वह चीन से अपनी स्वतंत्रता साबित करे’. उन्होंने आगे लिखा है कि मेरे प्रशासन ने WHO में सुधार के लिए आपसे पहले ही बातचीत शुरू कर दी है. लेकिन तत्काल कार्रवाई की जरूरत है, हमारे पास बर्बाद करने के लिए समय नहीं है.
ट्रंप ने यह भी कहा कि COVID-19 प्रकोप की घोषणा के बाद भी WHO अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम को चीन में दाखिल होने के लिए बीजिंग पर दबाव नहीं बना पाया. व्हाइट हाउस के आधिकारिक लेटरहेड पर लिखे गए इस पत्र के स्क्रीनशॉट को ट्रंप ने ट्विटर पर पोस्ट किया है. राष्ट्रपति ने अपने पत्र में लिखा है कि WHO 30 दिसंबर, 2019 तक वुहान से सामने आ रहे स्वास्थ्य संबंधी खतरे के बारे में जानता था, ताइवान के अधिकारियों द्वारा भी इस बारे में सूचित किया गया था. लेकिन उसने इस महत्वपूर्ण जानकारी को दुनिया के अन्य देशों के साथ साझा नहीं किया. शायद इसके पीछे कोई राजनीतिक कारण हो.
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के अमेरिका में कहर बरपाने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप चीन और WHO से खफा चल रहे हैं. उनका कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को लेकर पारदर्शिता के साथ काम नहीं किया. इसी के चलते उन्होंने अमेरिका की तरफ से WHO को मिलने वाली फंडिंग पर अस्थायी रोक लगा दी थी और अब उन्होंने स्थायी रूप से फंडिंग रोकने की चेतावनी दी है. आपको बता दें कि अमेरिका हर साल WHO को $400 मिलियन से $ 500 मिलियन का फंड देता है. जबकि चीन से विश्व स्वास्थ्य संगठन को लगभग 40 मिलियन डॉलर मिलते हैं.