मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ ने छात्र को जमानत पर रिहा करने के लिये रखी अनूठी शर्त, थाने में डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी
भोपाल / इंडियामिक्स न्यूज़ मध्यप्रदेश के ग्वालियर हाईकोर्ट ने एक छात्र को जमानत पर रिहा करने के लिए अनूठी शर्त रखी। न्यायधीश आनंद पाठक ने यह फैसला छात्र हरेंद्र त्यागी के जमानत आवेदन को स्वीकार करते हुए दिया है। दरअसल छात्र हरेंद्र त्यागी के खिलाफ हादसे की धारा 323 294 एवं 506 एवं अन्य धाराओं के भिंड जिले के असवार थाने में मामला दर्ज किया गया है।
जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उसे 2 महीने तक सॉशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म फेसबुक, व्हाट्सप आदि से दूर रहने की शर्त पर जमानत दी। साथ ही उसे 5 फलदार पौधे लगा कर उनके लालन पोषण का भी ख्याल रखने की जिम्मेदारी दी है। कोर्ट की जमानत की शर्त के अनुसार उसे सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर नहीं रहने के संबंध में थाने में डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। अगर वो ऐसा नहीं कर पाया तो उसकी जमानत निरस्त कर दी जाएगी।न्यायालय ने यह भी निर्देश दिए हैं की जो आरोप छात्र पर लगाए गए हैं उस प्रकार के किसी भी कृत्य को वह भविष्य में नहीं दोहराएगा। आवेदक बिना न्यायलय कीअनुमति के देश के बाहर भी नहीं जा सकेगा।
यह पहली बार था जब हाईकोर्ट ने इस तरह की अनूठी शर्त पर जमानत देने का फैसला लिया। छात्र द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किए गए आवेदन में कहा गया कि उसके खिलाफ मारपीट करने छेड़छाड़ करने तथा धमकी देने के संबंध में लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। आरोपी की ओर से यह कहा गया कि उसे 24 जून 2020 को गिरफ्तार किया गया है जिस वजह से उसके भविष्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है लिहाजा उसे जमानत का लाभ दिया जाए। न्यायालय में आरोपी के आवेदन को स्वीकार करते हुए से सशर्त जमानत पर रिहा किए जाने के निर्देश दिए।