दिल्ली-मुम्बई कॉरिडोर से जोड़ने के लिए मध्यप्रदेश में बनेगा 173 कि.मी. फोरलेन रोड़, दिल्ली-मुम्बई कॉरिडोर से बदलेगी प्रदेश की किस्मत-लोक निर्माण मंत्री
भोपाल / इंडियामिक्स न्यूज़ लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने मिडिया में जारी बयान में कहा है कि दिल्ली-मुम्बई कॉरिडोर को जोड़ने वाले 173 किलो मीटर लम्बाई वाले फोरलेन ‘इन्दौर-देवास-उज्जैन-आगर-गरोठ” मार्ग प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इसके निर्माण से प्रदेश के आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 20 तक इस मार्ग का अवार्ड पारित कर दिया जाएगा। मंत्री भार्गव ने कहा कि भारत सरकार की अति महत्वकांक्षी दिल्ली-मुम्बई कॉरिडोर का 244 किलोमीटर हिस्सा मध्यप्रदेश से होकर गुजरेगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर भारत सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रूपये की राशि व्यय की जा रही है। इस मार्ग को 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुम्बई मार्ग का लाभ सम्पूर्ण मध्यप्रदेश को प्राप्त हो सके, इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार के अनुरोध पर केन्द्र सरकार द्वारा ‘इन्दौर-देवास-उज्जैन आगर-गरोठ” तक 173 किलोमीटर वाले फोरलेन सड़क मार्ग निर्माण की भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के निर्माण से ग्वालियर से देवास, भोपाल से देवास,इन्दौर मार्ग भी जुड़ जाएगें। परिणाम स्वरूप मध्यप्रदेश के सभी अंचल के लोग इस कॉरिडोर का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस कॉरिडोर के निर्माण से प्रदेश में रोजगार नये अवसर पैदा होंगे।
मंत्री ने बताया कि केन्द्रीय भू-तल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने चम्बल अटल प्रोग्रेस-वे की स्वीकृति के समय प्रदेश की पिछली सरकार के समय खनिज विभाग की अनुमतियों में विलम्ब की ओर ध्यान आकृष्ट किया था, जिस पर पिछले छह माह में सभी गतिरोध दूर कर व्यवस्था सुधारी गई है। लोक निर्माण विभाग के साथ प्रदेश के मुख्य सचिव द्वारा खनिज की अनुमतियाँ एवं भू-अर्जन के मुआवजों के वितरण की नियमित समीक्षा की रही है। पिछले छह माह में ही कोरोना के संक्रमण काल के दौरान भी प्रदेश के विभिन्न जिलों में कलेक्टरों एवं राजस्व मशीनरी द्वारा रूपये 540 करोड़ से अधिक राशि के भू-अर्जन के मुआवजे वितरण किए गए हैं, जो निरन्तर जारी हैं। खनिज विभाग की अनुमतियाँ भी अब केवल सात दिन में दी जा रही हैं। प्रदेश सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए भारतमाला परियोजना के लिए गौण खनिज की रॉयल्टी से छूट का निर्णय भी लिया है। मध्यप्रदेश इस योजना का लाभ उठाने में केन्द्र सरकार की अपेक्षाओं से एक कदम आगे बढ़कर ही काम करेंगा और रोजगार तथा उद्योग के साथ-साथ अधोसंरचना विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।