गहलोत शुक्रवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जयपुर और जोधपुर में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जयपुर और जोधपुर प्रदेश के सबसे बड़े शहर हैं।
जयपुर / इंडियामिक्स न्यूज़ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जरूरी है कि हैल्थ प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर दूसरे लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने वाले लोगों पर पूरी सख्ती बरती जाए। उन्होंने कहा कि मास्क नहीं पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और भीड़भाड़ से बचने के नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए यदि जरूरी हुआ तो आमजन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अधिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में दिन के कफ्र्यू जैसे कदमों पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य नियमों की अनदेखी पर समारोह स्थलों एवं प्रतिष्ठानों को सीज करने जैसी कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं।
गहलोत शुक्रवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जयपुर और जोधपुर में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जयपुर और जोधपुर प्रदेश के सबसे बड़े शहर हैं। इनमें विवाह-समारोहों, बाजारों सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की उपस्थिति के नियमों की पालना नहीं होना, होम आईसोलेशन, कन्टेनमेन्ट जोन तथा हैल्थ प्रोटोकॉल का उल्लंघन होना चिंताजनक है। हमें इसे चुनौती के रूप में लेकर हर हाल में रोकना होगा तथा इस काम में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए। जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम संयुक्त रूप से टीमें बनाकर कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खांसी-जुकाम-बुखार के संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की अनिवार्य रूप से घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जाए। होम आईसोलेशन में रह रहे रोगियों तथा उनके सम्पर्क में आए परिजनों को क्वारेंटीन नियमों की पालना के लिए जिला कलेक्टर आदेश जारी कर पाबंद करें। उन्होंने कहा कि संदिग्ध रोगियों और उनके परिजनों की समझाइश तथा पड़ोसियों का सहयोग लेकर होम आईसोलेशन के नियम की पालना के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। इस काम में इन्सीडेन्ट कमाण्डर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, एनजीओ तथा जागरूक नागरिकों की वार्ड कमेटियां बनाकर उनका सहयोग लें। फिर भी यदि कोई उल्लंघन होता है तो महामारी अधिनियम तथा सम्बन्धित प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई करें।
गहलोत ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोरोना जांचों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जांचें बढ़ने से एक बार तो पॉजिटिव मामलों की संख्या अधिक बढ़ सकती है, लेकिन इससे संक्रमण की चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी। संक्रमित व्यक्तियों की पहचान के बाद उनका इलाज और उन्हें आइसोलेट कर ही संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। बैठक में वीसी से जुड़े चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि रात्रिकालीन कफ्र्यू लागू करने, भीड़ रोकने तथा मास्क पहनने के उल्लंघन पर जुर्माना राशि बढ़ाने तथा बीते दिनों किए गए विशेष प्रयासों के कारण बीते कुछ दिनों में एक्टिव केसेज की संख्या में कमी दिख रही है, जो अच्छा संकेत है। उन्होंने जयपुर और जोधपुर के साथ-साथ कोटा, उदयपुर और अजमेर में भी संक्रमण रोकने के लिए रणनीति बनाकर उसे लागू करने पर जोर दिया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि होम आईसोलेशन में रह रहे रोगियों को घर पर ही रहने तथा प्रोटोकॉल की पालना के लिए प्रेरित करने के उददेश्य से मार्गदर्शिका पुस्तिका का वितरण प्रारम्भ किया गया है। इस पहल की केन्द्र सरकार के अध्ययन दल ने सराहना की है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर टेस्टिंग बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। अब राज्य में प्रतिदिन 38 से 40 हजार तक आरटीपीसीआर जांचें की जा रही है। टेस्टिंग बढ़ने के बावजूद पॉजिटिव रोगियाेंं की संख्या में पिछले दो-तीन दिन में गिरावट आई है, जो उत्साहजनक है। महाजन ने बताया कि वरिष्ठ चिकित्सकों को वार्ड में आवश्यक रूप से विजिट करने, अस्पताल में नियमित साफ-सफाई और स्वच्छता रखने, रोगियों को भोजन की व्यवस्था में स्वयंसेवी संगठनों की सहायता लेने, दूर-दराज से आकर भर्ती रोगियों के परिजनों के ठहरने की व्यवस्था अस्पताल के आस-पास करने, पॉजिटिव होने वाले हैल्थ वॉरियर्स के इलाज, भोजन एवं ठहरने की विशेष व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं,
जिनकी पालना सुनिश्चित की जाए। जयपुर एवं जोधपुर के कलेक्टर, पुलिस आयुक्त, नगर निगम आयुक्तों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने संक्रमण की स्थिति, कन्टेनमेन्ट जोन की माइक्रा्रे प्लानिंग, संक्रमित व्यक्तियों की ट्रैवल हिस्ट्री, होम आईसोलेशन, नाइट कफ्र्यू तथा प्रोटोकॉल की पालना एवं इनके उल्लंघन पर की गई कार्रवाई आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, शासन सचिव गृह एन.एल. मीणा, स्वायत्त शासन निदेशक दीपक नन्दी, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।