पत्नी से नाराज एक अनपढ़ पति ने अपनी पत्नी व भतीजे पर गई फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए भादवि की धारा 419, 420, 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया।
महराजगंज (उत्तर प्रदेश) / इंडियामिक्स न्यूज़ अशिक्षा व गरीबी किस तरह घातक है और इसका नाजायज फायदा किस तरह इनके उत्थान का जिम्मा लिए लोग उठा सकते हैं। इसकी बानगी महराजगंज जिले के पुरंदरपुर थाना क्षेत्र अचलगढ नर्सरी गांव के एक कुनबे के साथ हुई कहानी से समझा जा सकता है। पैसा गंवाया, इज्जत गंवाई, परिवार के महिला व नाबालिग बच्चों को प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। मामले को जटिल बनाया गया। इस जटिलता के पीछे सिर्फ पैसे व हवस की ललक जैसा मामला सामने आ रहा है।
कहानी कुछ यों है कि टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल का हिस्सा बन सकती है। लेकिन इस कहानी में पुलिस का एक सर्व विदित अमानवीय चेहरा भी समाहित है। मामला महराजगंज के पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता के पास पहुंचा है।
पूरे मामले की शुरुआत एक जून वर्ष 2020 को इस हैरत अंगेज मामले से शुरु हुई कि पत्नी से नाराज एक अनपढ़ पति ने अपनी पत्नी व भतीजे पर गई फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए भादवि की धारा 419, 420, 504 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया। मुख्य आरोप था कि पत्नी ने अपने नेपाल निवासी भतीजे अनिल का आधार कार्ड व निर्वाचन कार्ड अचलगढ नर्सरी का निवासी बना कर बना दिया है। पुलिस जांच शुरू की तो गांव का ग्राम प्रधान जोगिंदर साहनी पुलिस व पीड़ित परिवार का मध्यस्त बन कर आ गया। कहा कि 25 हजार रुपया दो केस खत्म हो जाएगा। तमाम वार्ता व केस खत्म करने के नाम ग्राम प्रधान ने मामले की जांच कर रहे उपनिरीक्षक गंगा राम यादव को रकम दिला दिया। लेकिन उस उपनिरीक्षक का ट्रांसफर हो गया।
अब मामले में होगा क्या? यह बात लेकर पीड़ित पक्ष ग्राम प्रधान के आसरे हो गया। नए उपनिरीक्षक (लक्ष्मीपुर चौकी इंचार्ज) रमाशंकर चौधरी मामले की जांच में जुटे। ग्राम प्रधान फिर सक्रिय हुआ। इस पूरी कवायद में छह माह से ऊपर बीत गए। तब पत्नी पर आरोप लगाने वाला पति गोरख को एहसास हुआ कि उससे कुछ तो गलती हुई है, गलती उसके गुस्से व कुछ लोगों के चढ़ाने पर अपने ही परिवार को आफत में ला दिया। फिर उसने मामले में सुलह की ठानी। पत्नी को लेकर कोर्ट गया सुलहनामा किया। इधर सक्रिय ग्राम प्रधान व पुलिस जांच अधिकारी फिर मामले के सुलहनामा में 40 हजार रुपये की मांग करने लगे। तब रकम देने में पीडित परिवार ने असमर्थता जताई।
तो पीड़ित परिवार की गंवारगी को देखते हुए पुलिस ने अपना चर्चित अमानवीय चेहरा दिखाया। पीड़ित के घर छापेमारी कर महिला व उसके गैर आरोपित नाबालिग लड़के को आनंद को हिरासत में लेकर उसे थाने लाया गया। तीन दिन तक हवालात में बंद कर टार्चर किया गया। हवाला जांच का था, लेकिन फरमाइश रकम की थी। ग्राम प्रधान भी पुलिस की सुर में सुर मिलाते पीड़ित के स्वजनों के निरंतर संपर्क में रहा। इस वाकये से आहत पति गोरख महराजगंज पुलिस कप्तान के पास पहुंच गया। पूरा वाकया बताया। एसपी ने मामले के जांच के निर्देश दे दिए हैं।
इस संबंध में पुरंदरपुर इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह का कहना है कि वह छूट्टी पर थे। लक्ष्मीपुर चौकी इंचार्ज द्वारा एक नाबालिग को थाने पर बैठा कर बदसलूकी व रिश्वत मांगने की सूचना मिली है। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता का कहना है मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं।