शिवराज कैबिनेट की बैठक, लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय, बनी (हरबाखेड़ी) मध्यम सिंचाई परियोजना के लिये 93.75 करोड़ रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति, राजस्व पुस्तक परिपत्र में आवश्यक संशोधनों की मंजूरी
भोपाल – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज मंत्रि-परिषद की बैठक में बनी (हरबाखेड़ी) मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 93 करोड़ 75 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी। परियोजना से 3, 050 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी।
मंत्रि-परिषद ने आदिम-जाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग करने का भी निर्णय लिया।
मंत्रि-परिषद ने राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 परिशिष्ट-1 में वन्य-प्राणियों द्वारा भी मकान पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से क्षत्रिग्रस्त होने पर आर्थिक अनुदान सहायता दी जाने का प्रावधान जोड़ा जाने की मंजूरी दी। वर्तमान में इस परिशिष्ट में किसी भी प्रकार के प्राकृतिक प्रकोप या आग लगने के कारण मकान पूर्ण/आंशिक रूप से नष्ट होने पर अनुदान सहायता का प्रावधान था।
इसी प्रकार राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 परिशिष्ट-1 में वर्तमान में प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुर्घटना के कारण पीड़ित परिवार के कपड़े, खाद्यान्न एवं बर्तनों की हानि के लिए प्रति परिवार के मान से 5 हजार रूपये का आर्थिक अनुदान, 50 किलोग्राम खाद्यान्न (गेहूँ/चावल) एवं 5 लीटर केरोसीन तात्कालिक सहायता के रूप में देने का प्रावधान है। मंत्रि-परिषद ने इसके साथ वन्य-प्राणियों द्वारा हुई क्षति को भी जोड़ने की मंजूरी दी।
आपदाओं के दृष्टिगत, पीड़ितों को तत्काल राहत सहायता उपलब्ध कराने के लिये एस.डी.आर.एफ. (स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फण्ड) से राशि व्यय के संबंध में भारत शासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुक्रम में ऐसे मद, जिनके विषय में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, को भी भारत शासन के एस.डी.आर.एफ. के संबंध में जारी निर्देशों के आधार पर शामिल करने का प्रावधान किया गया है।
राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छ: क्रमांक 4 में वर्तमान प्रावधान देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो अनुदान सहायता उस मूल्य के बराबर देय होगी, किंतु एक कृषक को सभी फसलों के मामलों में राशि देय 5 हजार रूपये से कम नहीं होगीं। इस के स्थान पर मंत्रि-परिषद ने ”उपरोक्तानुसार देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो अनुदान सहायता उस मूल्य के बराबर देय होगी। प्रत्येक खाते के लिये सभी फसलों के मामले में देय राशि 5 हजार रूपये से कम नहीं होगी। ”प्रतिस्थापित करने की मंजूरी दी।
राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत वर्तमान प्रावधान के कारण देय फसल हानि की सहायता फसल के मूल्य के कई गुना अधिक है। ऐसे प्रकरण जहाँ अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो, में उपरोक्तानुसार देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो अनुदान सहायता उस मूल्य के बराबर देय होगी। मंत्रि-परिषद ने प्रत्येक खाते के लिये सभी फसलों के मामले में देय राशि 5 हजार रूपये से कम नहीं होगी, प्रावधानित करने की भी मंजूरी दी।