हत्या की सुपारी देने वाले आरोपीयो से हुआ खुलासा, पुलिस जांच में आये ब्याजखोरी के साक्ष्य सामने, पुलिस के समक्ष आये ब्याज पीड़ित, पुलिस कप्तान गौरव तिवारी ने कहा- ओर भी कोई पीड़ित हो तो आये, पहचान गोपनीय रखी जायेगी
रतलाम (IMN) : आज दोपहर में पुलिस कंट्रोल रूम पर आयोजित प्रेसवार्ता में पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने विगत दिनों 22 मार्च को थाना औधोगीक क्षेत्र रतलाम मे दबाव बनाकर हत्या की सुपारी देने के मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने मामले में जांच आगे बढ़ाई तो मामले में एक ब्याजखोरी के गोरखधंदे का नया मोड़ सामने आया। आपको बता दे कि मामले का खुलासा करने वाले उक्त फ़रियादी पर हत्या करने का दबाव भी ब्याज़ की लेन देन को खत्म करने के एवज में बनाया जा रहा था।
पुलिस कप्तान श्री तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया की आरोपी दीपक उर्फ दीपू टांक 2. विनोद उर्फ विनू शर्मा 3. बलवंत उर्फ बल्ली गोयल 4.अविनाश उर्फ पिंटू टांक निवासी दीनदयाल नगर रतलाम द्वारा पैसे की सुपारी देकर हत्या कराने हेतु दबाव बनाए जाने के षणयंत्र व 50 हजार रूपय का ऋण देकर भारी व्याज वसूलने की सूचना पर से आरोपियो के विरुद्ध कार्यवाही कर अपराध धारा 115.387,384 व म.प्र.ऋणीयो के संरक्षण अधिनियम , धारा 25,27 आर्स एक्ट का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया था । एवं आरोपी दीपक उर्फ दीपू पिता प्रकाश टांक निवासी दीनदयाल नगर रतलाम, विनोद उर्फ विनू शर्मा पिता प्यारेलाल शर्मा निवासी दीनदयाल नगर रतलाम से प्रथक – प्रथक घटना में प्रयुक्त कुल 02 नग देशी पिस्टल 08 जिंदाराउण्ड के जप्त किए गए थे।
इसी के बाद आम जन मानस में घटना का प्रसार हुआ तथा इनसे पीड़ित सूदखोरी का शिकार हुए व्यक्तियों ने हिम्मत दिखा कर इनके खिलाफ थाना आद्योगिक क्षेत्र व थाना माणक चौक में सूचना दी गयी। जिसके बाद आरोपी आद्योगिक थाना व माणक चौक थाना पर क्रमशः धारा 384,385,386,34 IPC धारा 3/4 म.प्र ऋणियों का संरक्षण अधिनियम व धारा 341,294,323 384,385,386,34 IPC धारा 3/4 म.प्र ऋणियों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत 2 और प्रकरण पंजीबद्ध किये गये।इनके अतिरिक्त 12 अन्य पीड़ित पुलिस के सम्पर्क में है जिन्हें विवेचना में शामिल किया जाएगा। साथ ही पुलिस कप्तान ने यह भी कहा है की ओर भी कोई पीड़ित हो तो वह सामने आये और हमे जानकारी दे उनकी पहचान गोपनीय रखी जायेगी।
ऐसे चल रहा था ब्याज का कामकाज
आरोपी दीपू टांक द्वारा ICICI बैंक, लोकेंद्र टाकीज़ के ऊपर एक बालाजी फाइनैंस नाम से कम्पनी खोल रखी थी। जहाँ पर सारा लेन देन होता था।ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी पैसो की लेनदेन का हिसाब किताब रखते थे। यह लोग ब्याज पर पैसा दे कर उन्हें डरा धमका कर अपने धंदे को आगे बढ़ाते थे। चौकाने वाली बात यह है कि जब पुलिस ने जप्त लैपटॉप व रजिस्टर को चेक किया तो एक दिन में 48 हजार से लेकर 3 लाख तक के ब्याज की वसूली सामने आयी और इसी महीने में कुल 26 लाख ब्याज के वसूल किये गए। अब तक के पुलिस जांच में 6 माह में करीब 6 करोड़ रुपयों की लेन देन सामने आयी है।
पुलिस ने अब तक 148 व्यक्तियों को ब्याज पर पैसा देने की बात कही है है वहीं पुलिस द्वारा 2 लैपटॉप, 1 पेन ड्राइव, 2 प्रिंटर व 1 रजिस्टर जप्ती में लिया गया है। पुलिस ने इस मामले में दीपू टाँक व अविनाश टाँक के साथ ही ब्याज के धंदे में सलग्न 3 आरोपी छोटू उर्फ श्रीकांत पिता छीतर मल जोशी नि. दीनदयाल नगर, अर्जुन टांक पिता यशवंत नि. शिवगढ़, नागेश्वर उर्फ चयन पिता शंकरलाल नि. सैफी नगर को गिरफ्तार किया गया है। आगे कार्रवाई में और भी नाम आने की संभावनाएं है जिनको पुलिस आरोपी बनाएगी।
पुलिस कप्तान गौरव तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि इनके अवैध रुपयों व सम्पत्ति का संरक्षण यदि कोई ओर करीबी कर रहा है तो वह स्वयं जानकारी दे कर अपने ऊपर कारवाई से बच सकता है। पुलिस इनकी प्रत्येक सम्पत्ति, बैंक खातों आदि की जानकारी जुटा रही है।