सुचना पर पुलिस की दबिश, कुछ दिनों पूर्व हुयी थी उक्त अस्पताल पर कोरोना मरीजो के इलाज पर कार्रवाई, पुलिस कर रही जांच ओर भी नाम आ सकते हे सामने
रतलाम IMN, शहर में डॉक्टर पेशे से विश्वास उठा देने वाला मामला सामने आया हे. बीती रात शहर के एक निजी अस्पताल जीवांश के दो डॉक्टर तीन रेमिडीसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ में आये हे, इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में मन्दसौर के एक आरोपी की तलाश जारी है। आरोपियों ने ढाई हजार रु. कीमत वाले रेमेडीसिविर इंजेक्शन तीस हजार के भाव से तीन इंजेक्शन का सौदा किया था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार,एसपी गौरव तिवारी को इस आशय की सूचना मिली थी कि अस्सी फीट रोड स्थित जीवांश हास्पिटल के बाहर रेमेडिसिविर इंजेक्शन अवैध रुप से बेचा जाना है। सूचना के आधार पर एसपी श्री तिवारी ने थाना प्रभारी नीरज सारवान के नेतृत्व में एक टीम तैयार की और जीवांश हास्पिटल के बाहर इंजेक्शन बेचने आए उत्सव नायक को घेराबन्दी कर पकडा और उसके कब्जे से रेमेडीसिविर इंजेक्शन बरामद किया। उत्सव नायक ने पुलिस टीम को बताया कि यह इंजेक्शन उसे जीवांश हास्पिटल के ड्यूटी डाक्टर यशपाल सिंह राठोड ने बेचने के लिए दिया था।
पुलिस टीम ने जीवांश हास्पिटल के भीतर जाकर छापा मारा और ड्यूटी डाक्टर यशपाल सिंह को पकडा। पुलिस को यशपाल के कब्जे से भी कुछ इंजेक्शन बरामद हुए। पुलिस पूछताछ में दोनो आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे पिछले कुछ दिनों से रेमेडीसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे थे और तीस से पैैंतीस हजार रुपए मेंं इंजेक्शन बेच रहे थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्हे ये इंजेक्शन मन्दसौर निवासी प्रणव जोशी द्वारा पच्चीस हजार रु. में उपलब्ध कराए जा रहे थे,जिसे वे पांच या दस हजार रु. अधिक लेकर बेच रहे थे। पुलिस को उत्सव,यशपाल और प्रणव के बीच होने वाली चैट भी मिली है,जिससे पता चलता है कि उन्हे इंजेक्शन प्रणव द्वारा ही दिए जा रहे थे।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 420,34 और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3-7 के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए उत्सव पिता ईश्वर नायक 25 नि.कोदरी ग्र्राम पेटलावद और यशपाल पिता श्यामसिंह राठौड 24 नि. पंचेड को गिरफ्तार कर लिया है,जबकि तीसरे आरोपी प्रणव जोशी नि.मन्दसौर की तलाश की जा रही है।
गिरफ्तार किए गए दोनो आरोपी स्थानीय होम्योपैथी कालेज के छात्र है और जीवांश हास्पिटल में नौकरी करते है।
और भी काले कारोबारी आ सकते हें सामने:-
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों की व्हाट्सएप चैट्स और काल डिटेल्स को खंगालने पर रेमेडीसिविर कालाबाजारी के रैकेट में शामिल अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते है। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों की व्हाट्सएप चैट्स में कुछ डाक्टर्स और महत्वपूर्ण लोगों का भी जिक्र है। जिस अस्पताल में उक्त दोनो आरोपी कार्यरत थे, उस अस्पताल के संचालकों का भी इसमें रोल होने का अन्दाजा लगाया जा रहा है। फिलहाल पुलिस अधिकृत तौर पर ज्यादा कुछ बताने को तैयार नहीं है। औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी नीरज सारवान के मुताबिक फिलहाल दो आरोपी पकडे गए है और एक की तलाश जारी है। सारवान के मुताबिक जांच जारी है। इसमें तथ्य मिलने पर आरोपी बढाए भी जा सकते है।