भारत, इजरायली मिलिट्री उपकरणों को खरीदने वाला सबसे बड़ा देश है. इससे अलग रूस के बाद इजरायल दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जो भारत को सबसे ज्यादा रक्षा उपकरण सप्लाई करता है.
दुनिया / इंडियामिक्स न्यूज भारत और इजरायल के रिश्ते आज दुनिया में किसी के लिए भी राज नहीं रह गए हैं. तीन दशकों से दोनों देशों के रिश्ते रोजाना नई ऊंचाईयां छू रहे हैं. वहीं भारत के रिश्ते अरब देशों के साथ भी अच्छे हो रहे हैं. ये सारे समीकरण देखते हुए भारत में मोरक्को के राजदूत मोहम्मद मालिकी ने एक अहम टिप्पणी की है. मालिकी ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा है कि इजरायल और भारत के बीच जो रिश्ते हैं, उसके बाद फिलीस्तीन और इजरायल का वह सपना पूरा हो सकता है जिसमें दोनों देशों ने दो अलग-अलग देशों का दर्जा हासिल करने के ल्क्ष्य को हासिल करने के बारे में सोचा है. आपको बता दें कि इजरायल और यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) के बीच अगस्त 2020 में एक शांति समझौता हुआ है. इस समझौते को एतिहासिक करार दिया जा रहा है.
अरब देशों के साथ भारत के अच्छे संबंध
मोरक्को के राजदूत मालिकी मानते हैं कि भारत के मिडिल ईस्ट के देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं, खासतौर पर अरब देशों के साथ, भारत और अरब देशों की केमेस्ट्री इस क्षेत्र के लिए काफी खास है. इस केमेस्ट्री की वजह से क्षेत्र में शांति के लक्ष्य को हासिल करने में देर नहीं होगी. मालिकी ने इस बात की तरफ भी ध्यान दिलाया है कि अफ्रीका में मोरक्को की जो कंपनियां हैं, उनसे भारत और इजरायल दोनों को फायदा हो सकता है.मालिकी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल, मोरक्को के साथ संबंधों को सामान्य करने की कोशिशें कर रहा है. साथ ही अमेरिका ने भी पश्चिमी सहारा क्षेत्र में मोरक्को की संप्रभुता का स्वीकार कर लिया है. इजरायल पर टिप्पणी करने के बाद मालिकी यह बात कहना नहीं भूले कि उनका देश आज भी फिलीस्तीन का समर्थन करता रहेगा.
भारत ने किया UAE – इजरायल डील का स्वागत
14 अगस्त को जब अब्राहम अकॉर्ड इजरायल और यूएई के बीच साइन हुआ था तो उस समय भारत ने इस पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी थी. इस समझौते के साइन होने के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिम एशिया में कई मौके सामने आने वाले हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समझौते के बाद कहा था, ‘जब दो रणनीतिक दोस्त करीब आते हैं तो कई मौके सामने आते हैं.’ इस समझौते की जानकारी सामने आने के बाद भारत वह पहला देश बन गया था जिसने यूएई और इजरायल के बीच डील का स्वागत किया था.
भारत ने इस डील की वजह से पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता का समर्थन किया था और विकास की बात कही थी. भारत, इजरायली मिलिट्री उपकरणों को खरीदने वाला सबसे बड़ा देश है. इससे अलग रूस के बाद इजरायल दुनिया का दूसरा ऐसा देश है जो भारत को सबसे ज्यादा रक्षा उपकरण सप्लाई करता है. साल 1999 से 2009 तक भारत और इजरायल के बीच 9 बिलियन डॉलर का डिफेंस ट्रेड हुआ था. इसके अलावा दोनों देशों ने आतंकियों पर इंटेलीजेंस शेयरिंग को बढ़ाया है और साझा मिलिट्री ट्रेनिंग को भी अंजाम दिया जा रहा है.
दोस्त भारत के लिए हमेशा खड़ा इजरायल
भारत में इजरायल के राजदूत ने रॉन मालका ने भी पिछले दिनों भारत को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि चाहे जो हो जाए, उनका देश हमेशा भारत को मिलिट्री सपोर्ट देता रहेगा. इजरायल के राजदूत की तरफ से आए इस बयान को वर्तमान परिस्थितियों में काफी अहम माना जा रहा है. यूएई, सूडान और मोरक्को ने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध बहाल कर लिए हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सऊदी अरब भी कोई फैसला ले सकता है.
पिछले माह सऊदी अरब ने इजरायल की एयरलाइंस को अपने एयरस्पेस का प्रयोग करने की इजाजत दे दी है. यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में इजरायल के राजदूत गिलाड एरडन ने कहा है कि इजरायल का एक नए भविष्य की शुरुआत की है. फिलीस्तीन ने कई वर्षों तक अरब देशों के हितों को बंधक बनाकर रखा है. अरब देश यह भूल चुके थे कि इजरायल का भी अस्तित्व है लेकिन अरब संधि ने इस सपने को चकनाचूर कर दिया है.
मोरक्को ने भी दी इजरायल को मान्यता
इस माह की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक आदेश को साइन किया है. इस आदेश के बाद पश्चिमी सहारा पर मोरक्को की संप्रभुता को स्वीकार कर लिया है. मोरक्को ने हाल ही में यहूदी देश के साथ अपने राजनयिक संबंध बहाल किए हैं. 10 दिसंबर को ट्रंप ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने अपनी ट्वीट में बताया था मोरक्को के गंभीर, विश्वसनीय और वास्तविक स्वायत्ता का प्रस्ताव ही शांति की दिशा में लिया गया अहम कदम है. इसके साथ ही उन्होंने इजरायल के साथ उसके संबंधों के बहाल होने के बारे में दुनिया को बताया था.