भारतीय नौसेना के स्वदेशी अपतटीय गश्ती युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा को सोमालिया के पूर्व और अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी और समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात किया गया है।
नयी दिल्ली/इंडियामिक्स – भारतीय नौसेना के युद्धपोत सुमित्रा ने एफवी इमान पर समुद्री डकैती के दुस्साहस को विफल करते हुए, सोमालिया के पूर्वी तट पर एक और सफल समुद्री डकैती विरोधी अभियान को अंजाम दिया है। इस अभियान में मछली पकड़ने वाले जहाज अल नईमी और उसके चालक दल (19 पाकिस्तानी नागरिक) को 11 सोमाली समुद्री डाकुओं से बचाया गया है।
भारतीय नौसेना के स्वदेशी अपतटीय गश्ती युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा को सोमालिया के पूर्व और अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी और समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए तैनात किया गया है। इस युद्धपोत ने 28 जनवरी 2024 को एक ईरानी ध्वजवावाहक मछली पकड़ने वाले जहाज (एफवी) इमान के अपहरण से जुड़ा एक संकट संदेश मिला था, जिसके मुताबिक इस जहाज के चालक दल को समुद्री डाकुओं ने बंधक बना लिया था। आईएनएस सुमित्रा ने एसओपी का पालन करते हुए एफवी को रोका और जहाज पर मौजूद चालक दल (17 ईरानी नागरिकों) को 29 जनवरी 2024 की सुवह सुरक्षित बचा लिया गया। एफवी इमान को पूरी तरह से स्वच्छ करने के बाद आगे की यात्रा पर रवाना कर गया है।
इसके पश्चात, एक अन्य ईरानी ध्वजवाहक मछली पकड़ने वाले जहाज अल नईमी को खोजने और उसे सुरक्षित बचाने के लिए आईएनएस सुमित्रा ने फिर से कार्रवाई शुरू की। इस जहाज और इसके चालक दल (19 पाकिस्तानी नागरिक) को भी समुद्री डाकुओं ने बंधक बना लिया था । सुमित्रा ने 29 जनवरी 2024 को एफवी को रोक लिया और डाकुओं के खिलाफ जबरदस्त और शीघ्रता के साथ प्रभावी कार्रवाई को अंजाम देते हुए उन्हें चालक दल और जहाज की सुरक्षित रिहाई पर मजबूर कर दिया । जहाज पर साफ-सफाई करने और सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा बंदी बनाए गए चालक दल की स्वास्थ्य जांच के लिए इसे बोर्डिंग भी किया गया।
आईएनएस सुमित्रा ने 36 घंटे से भी कम समय में, त्वरित, निरंतर और अथक प्रयासो के माध्यम से कोच्चि से लगभग 850 एनएम पश्चिम में दक्षिणी अरब सागर में 36 चालक दल (17 ईरानी और 19 पाकिस्तानी) के साथ दो अपहृत मछली पकड़ने वाले जहाजों को सुरक्षित बचाते हुए व्यापारी जहाजों पर समुद्री डकैती जैसे कृत्यों के लिए इनका भविष्य में मदर शिप के रूप में उपयोग किया जाता है ।
भारतीय नौसेना ने समुद्र में सभी नाविकों और जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सभी समुद्री खतरों के खिलाफ कार्रवाई करने में इस क्षेत्र में एक बार फिर से अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध किया है।