अब तक ये हो रहा था कि अमेरिका की धमकियां चीन सुन रहा था, अब चीन ने पलटवार किया है और अमेरिका को परिणाम भुगतने की धमकी दी है, हालांकि जिस मामले में चीन ये धमकी दी है वो कोरोना का मामला नहीं है..
नई दिल्ली. ये मामला कोरोना का नहीं है जिस पर चीनी ड्रैगन गुस्से से बिफर उठा है. ये चीन का वो मामला है जो उसकी कमजोर कड़ी भी है और कमजोर नस भी. ये मामला है ताइवान का और ताइवान को वरद हस्त प्राप्त है अमेरिका का. हाल ही में जब अमेरिका ने ताइवान की राष्ट्रपति को उनके फिर से निर्वाचन के लिए बधाई दी तो उसके पड़ौसी चीन के क्रोध की सीमा न रही.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने दी बधाई
ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने उनके दूसरे कार्यकाल की बधाई दी जो चीन को नागवार गुजरी. इसको लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को अंजाम भुगतने की धमकी दे डाली है. अमेरिकी विदेश मंत्री ने ट्वीट कर के बधाई दी थी जबकि इसी ट्वीट को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय ने वक्तव्य जारी करके अपनी आपत्ति जाहिर की.
”चीन-अमेरिका संबंधों को चोट पहुंचाई”
चीन के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किये गए बयान में कहा गया है अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अमेरिका-चीन के संबंधों को चोट पहुंचाई है और साथ ही ताइवान क्षेत्र की स्थिरता और शांति को भी नुकसान पहुंचा है.
”अमेरिका को परिणाम भुगतना पड़ेगा”
चीन ने कहा कि अमेरिका के इस कदम की चीन भर्त्सना करता है और अमेरिका को इसकी भरपाई करनी पड़ेगी. चीन के बयान में ये भी कहा गया है कि चीन अमेरिका के विरुद्ध कार्रवाई करेगा और अमेरिका को अपने किये का परिणाम भुगतना पड़ेगा.
माइक पॉमपीओ ने किया था ट्वीट
घटना की वजह अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के द्वारा हाल ही में किया गया एक अंतर्राष्ट्रीय ट्वीट था जो उन्होंने ताइवान की राष्ट्रपति के लिए किया था. पॉमपीओ के ट्वीट में कहा गया था – ताइवान की राष्ट्रपति के तौर पर दूसरे कार्यकाल के लिए हम डॉ. साई इंग वेन को बधाई देते हैं. उनके देश ताइवान का निरंतर विकसित हो रहा लोकतंत्र न केवल दक्षिण एशिया के लिए प्रेरणा है बल्कि दुनिया के लिए भी एक मिसाल है. अमेरिका की साझेदारी राष्ट्रपति साई के नेतृत्व में ताइवान के साथ और भी सशक्त होगी.