सीरिया में गृह युद्ध के दौरान 1लाख शरणार्थियों को अकेले जर्मनी ने शरण दी। फ्रांस भी शरणार्थियों को अपनाने वाला दूसरा देश बना…
संपादकीय / इंडियामिक्स न्यूज़ दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम शरणार्थियों को गले लगाने वाला यूरोप आज खुद मुस्लिम कट्टरपंथियों की आंख का कचरा बना हुआ है। सीरिया, अफगानिस्तान, म्यांमार के रोहिंग्या.. बांग्लादेश के शरणार्थियों को सबसे ज्यादा शरण फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने दी।
सीरिया में गृह युद्ध के दौरान 1लाख शरणार्थियों को अकेले जर्मनी ने शरण दी। फ्रांस भी शरणार्थियों को अपनाने वाला दूसरा देश बना…जबकि किसी भी पड़ोसी मुस्लिम मुल्क ने इसमें भागीदारी नही दिखाई।
ऑस्ट्रेलिया इंग्लैंड फ्रांस और जर्मनी में सरियत कानून की मांग को लेकर मुसलमान कई बार मोर्चा शुरू कर चुके है। इंग्लैंड और जर्मनी में तो ये जुलूस निकलते ही रहते है। लंदन के मुस्लिम कट्टरपंथी शराब और पब की दूकानों को बंद करने के ख़िलाफ़ कई बार प्रदर्शन कर चुके है।
ऑस्ट्रेलिया में भी सरियत लॉ की मांग हुई लेकिन सरकार द्वारा फटकार के बाद दुबारा इसपर कोई चर्चा नही हुई।
मैं मानता हूँ कि फ्रांस का सेकुलरिज़्म का मॉडल थोड़ा पेचीदा है.. जिसमे धर्मविरोधी तत्व ज्यादा है। शायद यही वजह है कि पश्चिम के किसी भी देश ने ये मॉडल नही अपनाया..फिर भी फ्रांस बहुत प्यारा देश है जिसने मुश्किल घड़ी में एक मानवतावादी दृष्टिकोण के चलते एक बड़ी मुस्लिम आबादी को अपने देश में शरण दी।
मुस्लिम कट्टरपंथी जो अपने धार्मिक खाँचो के बाहर नही निकलना चाहते लेकिन दुसरो से सेकुलरिज्म की उम्मीद करते है, सही मायनों में उन्होंने ही मुसलमानों का सबसे ज्यादा नुकसान किया है।.
ये धार्मिक कट्टरपंथी विश्व मानवता के सबसे बड़े दुश्मन है।
डिस्क्लेमर : उपरोक्त विचार लेखक के स्वयं के है, पोर्टल इससे सहमत या असहमत नही है ।
भगवान सबको सुखी रखें!!