प्रदेश के पत्रकारों की लगातार माँग करने के बाद व पूर्व मुख्यमंत्री के पत्राचार के बाद लिया फैसला, मग़र यह भी केवल पाप काटता नजर आया, अधिमान्य पत्रकारो को वरियता, बाकी को ठेंगा!
भोपाल/इंडियामिक्स : प्रदेशभर में कोरोना का प्रकोप जारी है। इसी क्रम में पत्रकार साथी भी लगातार जनता तक सही खबर व रिपोर्टिंग करते हुए कोरोना से ग्रसित हो कर अपनी जान गवा रहे हैं। इसी को देखते हुए प्रदेश के पत्रकारो द्वारा लगातार माँग की जा रही थी की पत्रकार तबके को अब तक फ्रंट लाइन वर्कर में नही जोड़ा गया है जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से पत्राचार किया था। इन्ही सब के बीच आज शिवराज सिंह का बयान आता है की –
हमारे पत्रकार मित्र कोविड के खतरनाक काल में अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने धर्म का निर्वाह कर रहे हैं । मध्य प्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है।
यह स्वागत योग्य है मगर क्या मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में यह भी आएगा की अधिमान्य पत्रकारो की फेहरिस्त काफी छोटी होती है। इसके अलावा भी कई संस्थानों के ऐसे पत्रकार है जो अधिमान्यता से काफी दूर है और अपनी जान जोखिम में डाल कर फील्ड में रहते है। हालांकि शिवराज कैबिनेट में मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस मामले में पत्रकारों से चर्चा में कहा है कि वह मुख्यमंत्री जी से सीधे बात करेंगे व इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा