मध्यप्रदेश की राजधानी के मिसरोद इलाके में ठगी की यह अनोखी वारदात देखने को मिली जहाँ ठग ने ऑनलाइन सेलिंग-बाइंग प्लेटफोर्म OLX का का दुरूपयोग कर यह शतिराना वारदात, असली मकान मालिक के खाते में डाले 13 लाख
भोपाल: शहर के मिसरोद इलाके में ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है। एक जालसाज ने OLX पर विज्ञापन देकर दूसरे के मकान को अपना बता 22 लाख रुपए में बेच दिया। 13 लाख रुपए उसने असली मकान मालिक के खाते में जमा कराए और बाकी के 9 लाख रुपए खुद हड़प लिए। मामले का खुलासा होने पर असली मकान मालिक ने फरियादी को 13 लाख रुपए लौटा दिए, लेकिन बाकी रुपए लेकर गायब हुए जालसाज का अभी तक पता नहीं लगा है।
मिसरोद पुलिस के अनुसार रेलवे कॉलोनी हबीबगंज निवासी रामेश्वर सिंह एक मकान खरीदना चाहते थे। इसलिए उन्होंने बागसेवनिया निवासी प्रॉपर्टी ब्रोकर से संपर्क किया। ब्रोकर ने ओएलएक्स पर एक विज्ञापन देखा था, जिसमें चिनार उपवन स्थित एक मकान को बेचने की बात कही गई थी।
कांफ्रेंस कॉल पर हुई डील :
रामेश्वर सिंह ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो विक्रेता ने अपना नाम भाऊ साहेब संपत पाटिल बताया। सर्च करने पर मकान मालिक का नाम वही निकला। रामेश्वर को यहमकान पसंद आया तो उन्होंने मकान मालिक से मिलवाने का बोला। इस पर प्रॉपर्टी ब्रोकर ने कांफ्रेंस कॉल पर दोनों की बात कराकर डील फायनल करवा दी। अप्रैल में भाऊ साहेब संपत पाटिल नामक व्यक्ति नासिक महाराष्ट्र से भोपाल पहुंचा, इसके बाद सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से मकान का विक्रय अनुबंध-पत्र तैयार करवाया।
जब इस मामले की शिकायत मिसरोद थाना पुलिस से की गई तब पुलिस ने फरियादी के साथ प्रॉपर्टी ब्रोकर, सर्विस प्रोवाइडर और असली मकान मालिक भाऊ साहेब संपत पाटिल के बयान लिए तो पता चला कि किसी अज्ञात जालसाज ने असली मकान मालिक भाऊ साहेब संपत पाटिल के दस्तावेजों में हेरफेर कर, अपनी फोटो लगे हुए नकली कागज़ बनवा कर यह वारदात की है। हालांकि उसने 13 लाख रुपए असली मकान मालिक के खाते में जमा कराए थे। जब असली मकान मालिक को इसका पता चला तो उन्होंने चेक द्वारा यह रुपए पीड़ित को लौटा दिए। बाकी के 9 लाख रुपए लेकर जालसाज गायब हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है ।
डील फायनल होने के बाद रामेश्वर सिंह और उनकी पत्नी ने नकली भाऊ साहेब संपत पाटिल को अलग- अलग किस्तों में कुल करीब 22 लाख रुपए का भुगतान कर दिया। अनुबंध के अनुसार 45 दिन के बाद जब रामेश्वर ने रजिस्ट्री के लिए नकली भाऊ साहेब से संपर्क करना चाहा तो उसने फोन कॉल रिसीव करना बंद कर दिया।