मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिये एक हाईलेवल बैठक की जिसमें कई निर्णय लिये गये, इंदौर और भोपाल में मास्क अनिवार्य, महाराष्ट्र से लगे जिलों में विशेष सतर्कता जरूरी, सभी जिले क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक तत्काल बुलायें
भोपाल (IMN) : आज मंत्रालय में प्रदेश में कोरोना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा हेतु मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बैठक आयोजित हुई, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना के संबंध में लगातार सतर्कता जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही विकराल रूप ले सकती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर और भोपाल में तत्काल मास्क की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। चौहान ने महाराष्ट्र से लगे सभी जिलों में आने वाले व्यक्तियों का परीक्षण करने के निर्देश भी दिए। कोरोना की स्थिति की समीक्षा के लिए मंत्रालय में आयोजित बैठक में सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि वे अपने जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की तत्काल बैठक कर जिला स्तर पर विद्यमान परिस्थितियों को देखते हुए आवश्यक सावधानी के संबंध में तत्काल निर्णय लें। बैठक में इंदौर और भोपाल से राज्य के अन्य भागों में होने वाले आवागमन पर सतर्कता के संबंध में भी विचार-विमर्श हुआ। महाराष्ट्र से लगे सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव की सावधानियाँ और रोको-टोको जैसी गतिविधियों पर ग्रामीण विकास विभाग सहित समस्त शासकीय अमला तत्काल अभियान आरंभ करे।
बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी उपस्थित थे।
कोरोना के नियंत्रण हेतु शिवरात्रि के मेलों में सतर्कता जरूरी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि शिवरात्रि के पर्व पर प्रदेश में लगाने वाले मेलों में सतर्कता और जागरूकता आवश्यक है। विशेषकर महाराष्ट्र से लगे जिलों में आयोजित होने वाले मेलों में सहभागिता के संबंध में आरटी पीसीआर के परीक्षण की अनिवार्यता पर भी विचार किया जाना चाहिये। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिवरात्रि के अवसर पर छिंदवाड़ा और बैतूल में लगने वाले मेलों में महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। संबंधित जिलों के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बैठक कर मेलों के आयोजन और आवश्यक सावधानियों के संबंध में समय रहते निर्णय लें।
कोरोना संक्रमण में मध्यप्रदेश 9वें स्थान पर
बैठक में जानकारी दी गई कि देश में केरल और महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण प्रभावितों की संख्या में वृद्धि हुई है। मध्यप्रदेश देश में नवें नंबर पर है। केरल में अब स्थिति नियंत्रण में है। राष्ट्रीय स्तर पर जहाँ महाराष्ट्र में 42 प्रतिशत और केरल में 33 प्रतिशत प्रकरण प्रतिदिन आ रहे हैं, वहीं मध्यप्रदेश में केवल 2 प्रतिशत ही प्रकरण आ रहे हैं।
पिछले सात दिन में इंदौर में 773 प्रकरण
अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में पिछले हफ्ते से कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में वृद्धि दिखाई दे रही है। पिछले सात दिनों में प्रतिदिन इंदौर में 110, भोपाल में 57, जबलपुर में 12 प्रकरण आ रहे हैं। इस अवधि में 773, भोपाल में 397 और जबलपुर में 85 प्रकरण रिपोर्ट हुए हैं। बैतूल, छिंदवाड़ा, बड़वानी, दमोह, सीधी, रतलाम और खरगौन में भी प्रकरण बढ़ रहे हैं।
ब्रिटेन से आये सभी 354 यात्रियों का हुआ परीक्षण
ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन के प्रभाव को देखते हुए प्रदेश में ब्रिटेन से आए सभी 354 यात्रियों का परीक्षण कराया गया। इनमें से पाँच यात्री पॉजिटिव पाए गए, जिनमें इंदौर के दो और भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर के एक-एक यात्री थे।
कोविड टीकाकरण में मध्यप्रदेश देश में दूसरे नंबर पर
मध्यप्रदेश कोविड टीकाकरण में देश में दूसरे नंबर पर है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि हेल्थ वर्कर और फ्रंट लाइन वर्कर के संयुक्त रूप से टीकाकरण में 75 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। राजस्थान में यह 76 प्रतिशत है। टीकाकरण में राष्ट्रीय औसत 53 प्रतिशत है, जबकि प्रदेश के 37 जिलों में 75 प्रतिशत से भी अधिक टीकाकरण हो चुका है। डिंडौरी 93 प्रतिशत, भिंड 89 प्रतिशत, अलीराजपुर, सीहोर और छतरपुर में टीकाकरण का प्रतिशत 87 प्रतिशत है।
ग्वालियर, इंदौर, दतिया टीकाकरण में सबसे पीछे
मुख्यमंत्री चौहान ने हैल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स के टीकाकरण को गति देने के निर्देश दिये। वर्तमान में ग्वालियर और इंदौर 66 प्रतिशत तथा दतिया में 65 प्रतिशत टीकाकरण हुआ है, जो प्रदेश में न्यूनतम है। भोपाल में अब तक लक्षित समूह के 72 प्रतिशत का टीकाकरण हुआ है। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में पात्र लाभार्थियों के लिये टीकाकरण का दूसरा चक्र आरंभ हो रहा है। इसे 10 मार्च तक पूर्ण कर लिया जाएगा।