मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विजिलेंस चेकिंग के लिये ई-प्रणाली लागू
भोपाल– मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विजिलेंस चेकिंग के लिए लागू ई-प्रणाली के अच्छे परिणाम आए हैं। कंपनी के सभी वृत्तों में वैध/अवैध विद्युत कनेक्शनों की सतर्कता जांच एवं विजिलेंस चेकिंग के लिए मोबाईल एप चेकिंग अधिकारियों के मोबाइल पर लोड किये गये हैं। विजिलेंस मोबाईल एप में सतर्कता जांच एवं पंचनामा बनाने के वास्तविक समय (रीयल टाईम) के दर्ज होने की सुविधा होने के साथ-साथ जांच किये गये परिसर का वास्तविक दिशाकोण भी दर्ज होता है।
वर्तमान में कंपनी के सभी सतर्कता अधिकारियों के साथ-साथ मैदानी अधिकारियों द्वारा विजिलेंस मोबाईल एप के माध्यम से सतर्कता जांच की कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में कंपनी के सभी निम्नदाब उपभोक्ताओं के प्रत्येक माह के विद्युत खपत के आधार पर आर्टिफिशिल इंटेलिजेन्स तकनीक के माध्यम से विभिन्न प्रकार की गणना कर ऐसे संदिग्ध परिसर की पहचान की जाती है जहॉं विद्युत चोरी होने की संभावना होती है। इसके आधार पर संबंधित सतर्कता अधिकारी द्वारा विद्युत चोरी का प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है। एप के माध्यम से की गयी सतर्कता चेकिंग की समस्त गतिविधियॉं एवं संबंधित दस्तावेज इस एप में हमेशा के लिये संधारित हो जाते हैं जिससे कि भविष्य में इनको न्यायालय में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। एप के माध्यम से अब तक कंपनी के अंतर्गत कुल 2 लाख 48 हजार 201 कनेक्शनों की जांच की जाकर विभिन्न धाराओं में 75 हजार 514 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। पंजीबद्ध प्रकरणों के विरूद्ध कुल 168 करोड़ रुपये के पूरक बिल जारी कर दिसम्बर 20 तक कुल 56 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है।
भार वृद्धि अभियान
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ता परिसर में भार वृद्धि कर लोड मैनेजमेंट के साथ ही राजस्व संग्रह बढ़ाया है। चालू वर्ष 2020-21 के दौरान मैदानी अधिकारियों के द्वारा विशेष अभियान के रूप में कनेक्शनों की जॉच कर भार वृद्धि की कार्यवाही की गई। इससे स्थाई गैर घरेलू श्रेणी में 74 हजार 426 किलोवॉट, औद्योगिक श्रेणी में 27 हजार 121 किलोवॉट एवं कृषि उपभोक्ताओं की श्रेणी में 7 लाख 54 हजार 922 एच.पी. भार वृद्धि हुई है। कंपनी कार्यक्षेत्र में मार्च 2020 में 7 लाख 07 हजार 817 स्थाई कृषक उपभोक्ता थे जिनका कुल भार 45 लाख 07 हजार 694 एच.पी. था। वर्ष 2020-21 के दौरान मैदानी अधिकारियों के अथक प्रयास से नवीन कनेक्शन जारी करने एवं जाँच कर भार वृद्धि करने की कार्यवाही की गई। इसके कारण उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 7 लाख 88 हजार 649 हो गई है एवं उनका भार 51 लाख 29 हजार 212 एच.पी. हो गया है।
बड़े उपभोक्ता ए.एम.आर.सेल के राडार पर
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ए.एम.आर. सेल द्वारा दफ्तर में बैठे-बैठे उपभोक्ता परिसर के लोड पैटर्न का अध्ययन कर कार्यवाही की जा रही है। वर्तमान में कपंनी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत समस्त 2 हजार 529 उच्चदाब एवं 16 हजार 955 हाई वेल्यू निम्नदाब उपभोक्ताओं के मीटर डेटा की डाउनलोडिंग एवं विश्लेषण का कार्य किया जा रहा है। चालू वर्ष में 441 एच.टी. मीटरों का मानकीकरण का कार्य एवं 961 निम्नदाब विद्युत कनेक्शनों पर ए.एम.आर. युक्त मीटरों की स्थापना की गई। इसके साथ ही 9 हजार 500 उपभोक्ताओं की रीडिंग प्रणाली जी.एस.एम. से जी.पी.आर.एस. में परिवर्तित कर रीडिंग का कार्य किया जा रहा है।
कंपनी द्वारा नल-जल योजना के अंतर्गत लगाये गये ए.एम.आर. मीटरों का विश्लेषण किया गया। इसमें 3045 कि.वॉट. की भार वृद्धि की गयी, साथ ही 79 लाख की राजस्व वसूली की गई। 10 कि.वॉट. एवं अधिक भार के गैर कृषि उपभोक्ताओं का ए.एम.आर. एवं एम.आर.आई. से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया गया, जिससे कुल 9 हजार 793 प्रकरणों में कंपनी को हुई राजस्व क्षति 2 करोड़ 61 लाख रुपये की अतिरिक्त बिलिंग की गई। उच्चदाब कनेक्शन के लिये निर्धारित मांग सीमा से अधिक अधिकतम मांग वाले उच्चदाब उपभोक्ताओं का विश्लेषण किया गया एवं 27 प्रकरणों में 16 करोड़ 20 लाख की अतिरिक्त बिलिंग की गई। इसमें 82 लाख रूपये की वसूली की जा चुकी है। सी.सी.एन.बी. बिलिंग प्रणाली से बिल होने वाले 14 हजार 523 निम्नदाब उपभोक्ताओं की विसंगतियां दूर कराई गईं एवं 17 करोड़ 25 लाख की अतिरिक्त बिलिंग की गई। इसमें 8 करोड़ 21 लाख रूपये की वसूली की जा चुकी है। कंपनी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत उच्चदाब एवं हाई वेल्यू निम्नदाब उपभोक्ताओं का मीटर डेटा का विश्लेषण कर पायी गयी अनियमितताओं में आवश्यक संशोधन के साथ कुल एक करोड़ 73 लाख की अतिरिक्त बिलिंग कराई गयी जिसमें से रूपये 58 लाख की वसूली की जा चुकी है। इस तरह से, ए.एम.आर. सेल द्वारा उच्चदाब एवं निम्नदाब हाई वेल्यू उपभोक्ताओं के मीटर-डेटा एवं बिलिंग-डेटा का विश्लेषण कर कंपनी राजस्व में रू. 38 करोड़ 58 लाख की वृद्धि प्रस्तावित की गई, जिसके विरूद्ध 10 करोड़ 20 लाख रुपये का राजस्व मिल चुका है।