35 आपराधिक प्रकरणो में हिस्ट्रीशीटर नाहरू के बचाव में आयी काँग्रेस नेत्री, शासकीय जमीन पर बसा रखा था घर परिवार सहित व्यापार और खेती भी, अब तक नहीं हो पा रही थी कार्रवाई, शिवराज की माफिया मुहिम में आया निशाने पर,
रतलाम IMN, कलेक्टर गोपालचंद्र डाड के निर्देश पर रतलाम प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर में लगभग 3.50 करोड़ रुपए मूल्य की शासकीय भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई तथा लगभग 50 लाख रुपए लागत का अवैध निर्माण तोड़ा गया है।
कार्रवाई में ट्विस्ट जब आया तब इस दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष यास्मीन शैरानी ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया। इसी बीच पुलिस से जमकर बहसबाज़ी व झूमाझटकी भी नेत्री की हुई।
जानकारी के अनुसार बुधवार को हिस्ट्रीशीटर नाहरू के द्वारा कस्बा रतलाम स्थित सर्वे नम्बर 240 में रकबा 0.300 हेक्टेयर (लगभग 35000 वर्गफीट) शासकीय भूमि पर अवैध आधिपत्य करते हुए 2 गोडाउन, 2 आवासीय मकान, 2 भैसों के तबेले एवं एक गुमटी रखते हुए लगभग 5 हजार वर्गफीट पर अवैध निर्माण किया हुआ था तथा इतना ही नहीं शेष भूमि पर चने की फसल बोकर अतिक्रमण किया हुआ था।
आरोपी द्वारा निर्मित अवैध गोडाउन को 15 हजार रुपए प्रतिमाह में इंदौर टेण्ट हाउस को किराये पर दे रखा था। तहसील कार्यालय में प्रकरण दर्ज किया जाकर अतिक्रमण एवं अवैध निर्माण हटाए जाने का आदेश पारित किया गया। जिस उपरांत लगभग 3.50 करोड की शासकीय भूमि मुक्त करते हुए उक्त अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया गया व लगभग 50 लाख रुपए की लागत का अवैध निर्माण तोडा गया।
आपको बता दे की हिस्ट्रीशीटर नाहरू से पारिवारिक रूप से यास्मीन शैरानी जुड़ी है इसीलिए उक्त घटना का नेत्री ने जमकर विरोध किया। यास्मीन शैरानी अवैध निर्माण तोड़ रही जेसीबी के समाने खड़ी हो गई। इस दौरान मोके पर मौजूद महिला पुलिस कर्मियों से यास्मीन शैरानी की जमकर बोलचाल भी हो गई तथा महिला नेत्री यास्मीन शैरानी ने मौजूद अधिकारियो बाद में देख लेने की धमकी भी दी। इस बीच प्रशासन अपनी कार्यवाही में लगा रहा और पूरा अवैध निर्माण नष्ट कर दिया।
वहीं थाना स्टेशन रोड से प्राप्त जानकारी के अनुसार हिस्ट्रीशीटर नाहरू के विरुद्ध 35 आपराधिक प्रकरण भारतीय दण्ड विधान की धारा 323, 341, 452, 346, 451, 147, 148, 149, 307, 332, 427, 294, 25 आर्म्स एक्ट, तीन धार्मिक संस्था दुरुपयोग अधिनियम 3/5 सार्वजनिक नुकसान अधिनियम 14 मध्यप्रदेश सुरक्षा अधिनियम एवं अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं।