एमपी सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में मजदूरों के लिए रहवास और भोजन की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। श्रम विभाग के अनुसार, सभी 16 नगर निगम क्षेत्रों में आधुनिक रैन बसेरे बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मजदूरों के बकाया मामलों को जल्द निपटाने के निर्देश भी दिए हैं।
भोपाल/इंडियामिक्स आपने अक्सर देखा होगा जहां भी औद्योगिक क्षेत्र या फैक्ट्रियां होती हैं, उसके आसपास निवास करने वाले मजदूरों की स्थिति बेहद दयनीय होती है। वे प्लास्टिक के टेंट बनाकर निवास करने को मजबूर रहते हैं। इसके अलावा भी उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इससे मजदूरों के अच्छे दिन आने वाले हैं। प्रदेश में जहां भी औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होंगे, वहां उद्योग व अन्य संस्थाओं के सहयोग से मजदूरों के लिए रहवास की सुविधा प्रदान की जाएगी। इससे मजदूरों को औद्योगिक क्षेत्र में झुग्गी में रहने की समस्या से निजात मिलेगा।
रहने के साथ भोजन की व्यवस्था भी
वहीं इस आवासों में मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। यह निर्णय मध्य प्रदेश के श्रम विभाग ने लिया है। प्रदेश के सभी 16 नगर निगम क्षेत्रों में आधुनिक रैन बसेरे भी बनाए जाएंगे। यहां मजदूरों को रहने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
सीएम मोहन ने किया बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव बुधवार को मंत्रालय में श्रम विभाग की गतिविधियों और योजनाओं की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने श्रमिकों के लिए यह ऐलान किए हैं। बैठक में मौजूद श्रम मंत्री पहलाद पटेल ने भी कहा कि श्रमिकों के हित के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। अब उनके लिए आधुनिक रैन बसेरे बनाने की कार्रवाई की जा रही है।
एक रैन बसेरे पर खर्च होंगे 6 करोड़
आधुनिक रैन बसेरे 100 बिस्तर क्षमता के होंगे। इनका संचालन कलेक्टर की अध्यक्षता वाली गठित नगर समिति करेगी। भोपाल, जबलपुर, इंदौर और सागर के प्रस्ताव श्रम विभाग को मिल चुके हैं, जबकि अन्य स्थानों में भी रैन बसेरे के लिए भूमि चिन्हित की जा रही है। इन रैन बसेरे में महिला एवं पुरुषों को निवास करने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी। सरकार एक रैन बसेरे पर करीब 6 करोड रुपए खर्च करेगी।
मजदूरों के बकाया मामलों को जल्द हो निपटारा-सीएम
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने यह भी निर्देश दिया कि जहां भी मजदूरों के बकाया भुगतान की राशि हैं उन्हें समय सीमा में शीघ्र ही दी जाए। लंबित मामलों को भी समय से निपटाया जाए। नागदा, रतलाम, इंदौर और ग्वालियर सहित अलग-अलग मिलों में श्रमिकों की पुरानी बकाया राशि जल्द से जल्द राज्य सरकार दिलाएगी।