मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को काम के लापरवाही बरतने के चलते गुना जिले की सीएसपी नेहा पच्चीसिया के तबादले का निर्देश दिया था। इसके बाद उन्हें उप पुलिस अधीक्षक के तौर पर राजधानी भोपाल में तैनात किया गया है।
साभार – पीपुल्स समाचर
भोपाल – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को काम के लापरवाही बरतने के चलते गुना जिले की सीएसपी नेहा पच्चीसिया के तबादले का निर्देश दिया था। इसके बाद उन्हें उप पुलिस अधीक्षक के तौर पर राजधानी भोपाल में तैनात किया गया है।
तबादले के बाद नेहा पच्चीसिया ने बुधवार को सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें लिखा था, “आईजी अविनाश शर्मा इज आवर कल्प्रिट”। हालांकि कुछ मिनट बाद ही यह पोस्ट डिलीट कर दी गई, लेकिन तब तक इस पोस्ट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी थी। विवाद बढ़ने पर जब इस पोस्ट के बारे में नेहा पच्चीसिया से बात की गई तो उन्होंने इस पोस्ट को फर्जी बताया। नेहा ने कहा कि उन्होंने छह महीने से फेसबुक पर कोई पोस्ट ही नहीं शेयर की। उन्होंने यह भी कहा कि गुना के टीआई अवनीत शर्मा मेरे पीछे पड़े हुए हैं। उनके गलत फीडबैक के आधार पर ही मुझे हटाया गया। नेहा ने बताया कि टीआई वरिष्ठ अफसरों से उनकी झूठी शिकायतें करते रहते हैं।
नेहा ने आगे कहा कि मेरे फेक अकाउंट पर आईजी को लेकर की गई पोस्ट किसी की शरारत है। जिन लोगों ने मुझे हटाने की साजिश रची, उन्हीं लोगों ने मेरे नाम से बनी फेसबुक आईडी से यह पोस्ट की और बाद में हटा दी। मैंने मुख्यालय में इसकी शिकायत कर दी है। अगर ऐसा ही रहा तो नौकरी छोड़कर लड़ाई लड़नी पड़ेगी। इस मामले में ग्वालियर के आईजी अविनाश शर्मा ने कहा कि अगर नेहा ने सच में ऐसा कुछ लिखा होगा तो विभागीय स्तर पर कार्रवाई होगी। वहीं नेहा के आरोपों का जवाब देते हुए टीआई अवनीत शर्मा ने कहा कि अगर अगर ऐसा कुछ है तो इसका सबूत दिया जाए।
वहीं दूसरी ओर सीएसपी नेहा पच्चीसिया के तबादले के बाद गुना के कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में शिकायत की है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें गलत तरीके से हटाया गया है। लोगों का कहना है कि नेहा अच्छा काम कर रही थीं, ऐसे में उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
आपको बता दें कि गुना में सीएसपी बनने के बाद नेहा ने तीन थानों में महिला थाने शुरू किए थे। इन थानों में महिलाओं से जुड़े विवादों का तुरंत निपटारा होता है। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में अपनी जिम्मेदारी के निष्ठापूर्वक निर्वहन के लिए खुद मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्मानित किया था।