प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिये 24 जिलों में 3490 सोलर पम्पों की स्थापना की जानी थी। इसके विरुद्ध 3224 पम्प की स्थापना कर 92.4 प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति कर ली गई है। सोलर पम्प स्थापना में श्रमिकों को 15 हजार श्रमिक दिवस रोजगार मिला।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने मिडिया को बताया कि कोविड के दौरान अपने प्रदेशों को लौटे प्रवासी मजदूरों के लिये आरंभ किये गये प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अभियान में मध्यप्रदेश सर्वाधिक सोलर पम्प स्थापित कर देश में सर्वप्रथम है। जितने सोलर पम्प पूरे देश में लगे हैं, उससे कहीं अधिक अकेले मध्यप्रदेश में प्रवासी मजदूरों द्वारा स्थापित किये गये हैं। श्री डंग ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिये 24 जिलों में 3490 सोलर पम्पों की स्थापना की जानी थी। इसके विरुद्ध 3224 पम्प की स्थापना कर 92.4 प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति कर ली गई है। सोलर पम्प स्थापना में श्रमिकों को 15 हजार श्रमिक दिवस रोजगार मिला।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अभियान में देश के 6 राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिसा, राजस्थान और झारखण्ड के 116 जिलों का चयन प्रदेश लौटे मजदूरों को रोजगार देने के लिये किया गया था। इसमें मध्यप्रदेश के 24 जिले बालाघाट, झाबुआ, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सतना, सागर, पन्ना, भिण्ड, अलीराजपुर, बैतूल, खण्डवा, शहडोल, धार, डिण्डोरी, कटनी, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, खरगोन, शिवपुरी, बड़वानी, सीधी और सिंगरौली शामिल हैं। अभियान में ग्रामीणों के जीवन की बेहतरी के लिये सोलर पम्प की स्थापना, सामुदायिक शौचालय, आँगनवाड़ी, कुआँ निर्माण, ग्रामीण मण्डी, पशु-शेड, पंचायत भवन, वृक्षारोपण आदि 25 कार्यों का चयन किया गया।
डंग ने बताया कि मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना में लॉकडाउन में अन्य राज्यों में फँसे मध्यप्रदेश के लाखों श्रमिकों को शासकीय व्यय पर स्पेशल बसों और ट्रेनों से प्रदेश लाया गया। यहाँ तक कि दूसरे राज्यों के श्रमिक, जो पैदल अथवा किसी अन्य साधन से मध्यप्रदेश की सीमा तक पहुँचे थे, उन्हें भी राज्य शासन ने सीमावर्ती राज्यों की सीमा तक पहुँचाया। प्रवासी मजदूरों को नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण, भोजन के पैकेट वितरित कराने के साथ ही रोजगार उपलब्ध कराया गया।