प्रशासन ने बढ़ते कोरोना प्रकोप के चलते आखिर में लिया 9 दिन के LOCKDOWN का निर्णय, कहीं ना कहीं शहरवासियों की अनदेखी भी बनी कारण, लॉकडाउन में आवश्यकताओं को ध्यान में रख छूट भी दी, वहीं सोशल मीडिया पर विरोध करने वाले भी हुए एक्टिव, बाजार में खरीदारों का उमड़ा हुजूम
रतलाम/इंडियामिक्स : प्रदेश सहित शहर में लगातार कोरोना पेर पसार रहा है, जिसके चलते आज आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में विधायक श्री चैतन्य काश्यप व कलेक्टर श्री गोपालचंद्र डाड द्वारा रतलाम जिले में सम्पूर्ण लॉकडाउन का फैसला लिया गया। उक्त लॉकडाउन की अवधि कल 9 अप्रैल 2021 शुक्रवार की शाम 6 बजे से शुरू होगी जो की 19 अप्रेल 2021 यानी 9 दिनों तक के रहेगी। यह ग्रामीण व शहरी दोनों के लिए रहेगा। ध्यान रहे की क्लेक्टर द्वारा स्पष्ट किया गया है की इस अवधि में आवागमन पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाएगा व प्रशासन एक्शन मोड में पूरी सख्ती बरतेगा। वैसे यह निर्णय रतलाम सहित तीन जिलों बैतूल, खरगोन,कटनी में भी लिया गया है। यह बात अलग है की प्रदेश के दमोह को इन सब से दूर रखा गया है क्योंकि वहाँ चुनाव है। आपको बता दे की इस बीच 13 अप्रैल के दिन हिन्दू नववर्ष गुड़ी पड़वा तथा चैत्र पक्ष की बड़ी नवरात्रि का आरम्भ होगा जो की लॉक डाउन के चलते घरो में ही सीमित व्यवस्थाओ में मनेगे क्योकि इनको ले कर कोई छूट की बात नहीं कही गयी है।
लॉकडाउन की अवधि में सबसे मुख्य यह है कि इस अवधि में दूध विक्रेता पूर्व की तरह सुबह व शाम में घर घर जा कर दूध दे सकेंगे। इसी तरह सब्जी विक्रेताओ को भी पास सुविधा दी जाएगी जिसके तहत वे फेरी लगाकर सब्जी बेच पाएँगे। वहीं इस अवधि में स्वास्थ्य सुविधाओं अर्थात मेडिकल दुकानों को भी छूट रहेगी। वे किराना व्यवसायी जो होम डिलवरी कर पाएंगे उन्हें भी अनुमति रहेगी। उद्योगों में कार्यरत व सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों तथा प्रेस कर्मियों को अपने परिचय पत्र के आधार पर इस अवधि में आवगमन पर छूट रहेगी
बाहर से यात्रा कर शहर में आने वालों को अपनी नेगेटिव रिपोर्ट बतानी होगी अन्यथा उन्हें स्वयं को 7 दिनों तक कोरेंटाइन करना होगा।
बाज़ारो में मची भीड़, रही व्यवस्थाओं की अनदेखी
प्रशासन ने जनता की सुविधा को ध्यान में रखकर एक दिन पूर्व प्रेस के माध्यम से लॉक डाउन की सूचना कर दी गयी। 9 दिन तक लगने वाले लॉक डाउन का सुनते ही मानो शहर के बाज़ारो में त्राहिमाम मच गया। चहुँओर बाज़ारो में किराना व सब्जी के लिए जनता भीड़ के रूप में उमड़ पड़ी जबकि प्रशासन ने छूट दे कर इसके लिए व्यवस्था की है। यह पूरी खबर ना जानने का भी नतीजा माना जा सकता है।
बाजार में बढ़ती भीड़ का एक कारण बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था भी नज़र आया। इस ओर अगर प्रशासन पूर्व में तैयारी कर मुख्य बाज़ारो में बड़े वाहनों की आवजाही प्रतिबंधित कर दे तो शायद भीड़ जुटने की एक बड़ी वजह खत्म हो जाये। ख़ेर नहीं सम्भलने व अनदेखी के चलते शहरवासियो को लॉक डाउन का दंश झेलना पड़ेगा।
आपको बता दे की अब तक के सारे रिकॉर्ड टूटते हुए बुधवार को शहर में 109 संक्रमित मिले हैं वहीं अहमदाबाद भेजे गए 1,000 सैम्पलों में 144 के लगभग पॉजिटिव आने की संभावना है जो कि चिंता का विषय है। बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए प्रशासन ने कोविड केअर सेंटर फिर से शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। यहां पर लगभग 50 बेड की क्षमता रहेगी। यहां सिर्फ कोरोना के हल्के लक्षण (एसेंटोमैटिक) वाले मरीजों को रखा जाएगा।
सोशल मीडिया पर विरोध भी शुरू
लॉक डाउन की खबर जाते ही सोशल मीडिया पर शहर के कई हितेषियों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। उनका तर्क है की लॉक डाउन लगा देने से कोरोना की समस्या से नहीं निपटा जा सकता है। इससे गरीब तबका बुरी तरह से प्रभावित होगा तथा रोज दिहाड़ी मजदूरी करके पैसा कमाकर पेट पालने वालो के सामने संकट खड़ा हो जाएगा।
इसके पूर्व में 90 दिनों के लॉक डाउन से गरीब तबका अब तक उभर नहीं पाया है। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री, शहर विधायक, कलेक्टर आदि जनप्रतिनिधियों पर लोग अपना रोष दिखा रहे हैं। विरोध के कुछ नमूने हमने फ़ोटो के रूप में प्रेषित भी किये हैं।