आदिवासी बहुल गाँव मे शर्मनाक कर देने वाला मामला आया सामने, चद्दर में लपेटकर 2 किलोमीटर घर तक ले गए शव, स्वीकृत सड़क एक साल बाद भी नहीं बनी, 2 छोटी बच्चियां हुई अनाथ, ग्रामीण विधायक ने नही दिया कोई जवाब !
रतलाम/इंडियामिक्स : जिला मुख्यालय से करीब 8 किमी दूर ग्राम पँथपाड़ा में बदहाल सिस्टम की एक शर्मसार कर देने वाली तस्वीर सामने आई। मामला मंगलवार की रात का है। जिसमे शासन व प्रशासन के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। गम्भीर मरीज को कीचड़ से सनी 2 किमी सड़क से जिला अस्पताल ले जाया गया। वहीं उपचार में हुई देरी के बाद मौत ने परिजनों को शव कंधों पर लाद कर ले जाना पड़ा।
दरअसल मामला ग्राम पंचायत जामथून अंतर्गत ग्राम पँथपाड़ा का है। मृतक सोहन डामोर के परिजन राजेश ने बताया की गाँव मे प्रवेश करने का एकमात्र रास्ता पिछले कई सालों से बदहाल है। सोमवार रात 12 बजे के करीब सोहन पिता नानूराम डामोर उम्र 35 वर्ष की तबीयत अचानक खराब हो गई। रात्रि के समय गांव में साधन नहीं होने पर उन्होंने पीड़ा में रात गुजारी। मंगलवार सुबह सोहन डामोर को गम्भीर हालत में मोटर साइकिल से जिला अस्पताल ले जाया गया। जिला अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मंगलवार देर रात सोहन ने दम तोड़ दिया।
निजी वाहन से शव निवास स्थान ले जाया गया लेकिन 2 किलोमीटर बदहाल सड़क के कारण वाहन गाँव मे प्रवेश नहीं कर सका। शव को वाहन से उतार परिजन चद्दर में लपेट पैदल कीचड़ में घर तक ले गए। मुद्दे पर चर्चा के लिए ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना से सम्पर्क करने पर मोबाइल फोन रिसीव नहीं किया। आपको बता दे कि मृतक मजदूरी करता था और उसकी दो छोटी बच्चियां है।
मामले में गाँव की सरपंच मीराबाई मचार का कहना है की यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सालभर पहले स्वीकृत हो चुकी है। इसको लेकर पत्र कलेक्टर व ग्रामीण विधायक को भी लिख चुके है। फिर भी अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है।