शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय जिसे “GMC” के नाम से अब तक जाना जाता हैं उसे आज मंत्री के दौरा कार्यक्रम में लिख दिया गया “गाँधी मेडिकल कॉलेज”, अब तक विधिवत व अधिकृत रूप से नहीं हुआ है नामकरण, जिम्मदारो की लापरवाही दिखी सामने
रतलाम/इंडियामिक्स : पूरे शहर की शान इस वक़्त मेडिकल कॉलेज बना हुआ है जिसे हम शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय या Governmemt Medical College के नाम से जानते हैं और इसे ही सामान्य बोलचाल की भाषा में GMC भी कहा जाता है। दरअसल यह बताने के पीछे कारण ही ऐसा है की आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे।
जिस मेडिकल कॉलेज को लेकर कुछ समय पूर्व व समय समय पर रतलाम की राजनीति गरमाती रही है व इसका नामकरण अब तक इन्ही सब कारणों से नहीं हो पा रहा है उसका नामकरण सरकारी कागज़ो में यहाँ के जिम्मेवार अमले ने कर दिखाया है। आपको यह भी बता दे की आज दोपहर ही एक विभाग के अपर सचिव भी सैलून वर्कर की जगह सैक्स वर्कर के नामकरण में त्रुटि करके सुर्खियों में आ चुके हैं ।
ऐसे में अब रतलाम नगर वासियो ने जब मंत्री जी के दौरा कार्यक्रम की सूची देखी जो उनके कार्यवालय से जारी की जाती है उसमें मेडिकल कॉलेज का नाम गाँधी मेडिकल कॉलेज देख कर हर कोई आश्चर्य में पड़ गया। जब इसके साथ ही रतलाम CMHO द्वारा जारी सूची देखी गयी तो उसमें भी मेडिकल कॉलेज का नाम गाँधी मेडिकल कॉलेज लिखा मिला। ऐसे में यह अनुमान लगाना भी मुश्किल है कि गलती कहाँ हुई है। मंत्री जी के खेमे की गलती है या यहाँ जिले के अमले की गलती है। आख़िरकार इसका जवाब, जिम्मेदार ही दे सकते हैं की अधिकृत रूप से नामकरण कब हुआ है?
हमने चिकित्सा शिक्षा की अधिकृत वेबसाइट व GMC रतलाम की वेबसाईट भी खंगाली की कहीं हमसे त्रुटि ना हुई हो मगर वहाँ भी निल बीते सन्नाटा था व इस कॉलेज का नाम “शासकीय मेडिकल कॉलेज” ही था।
आपको बता दे कि प्रदेश के वित्त मंत्री व रतलाम के प्रभारी मंत्री श्री जगदीश देवड़ा कल जिले में होंगे। वे यहाँ पर शहर विधायक श्री चैतन्य काश्यप द्वारा दी गयी ऑक्सिजन प्लांट की सौगात का लोकार्पण करेंगे जिसमे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भी वर्चुअल रूप से शामिल होंगे व शुभारंभ करेंगे। यह चैतन्य कश्यप फाउंडेशन की शहर को अभूतपूर्व सौगात है। कोरोना काल में ऑक्सिजन की किल्लत से निपटने के लिए उनके फाउंडेशन व विधायक के निजी प्रयासों से इस प्लांट की स्थापना हुई है जो अब बनकर तैयार है। अब शहरवासियों को आगामी समय मे ऑक्सिजन की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।