बजरंगदल कार्यकर्ता की गाड़ी ना छोड़ने पर जमा हुए थाने के बाहर, सिविल में आयी महिला सूबेदार मोनिका सिंह को नहीं पहचान पाए कार्यकर्ता और हो गयी बहसबाज़ी, जैसे तैसे हुआ मामला शांत
रतलाम/इंडियामिक्स : दोपहर में बजरंगदल के कार्यकर्ताओ की गाड़ी ना छोड़ने की बात को लेकर ट्रैफिक पुलिस से जमकर कहासुनी हो गई। कार्यकर्ताओं ने स्टेशन रोड़ पर ट्रैफिक थाने के बाहर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जिसकी सूचना पर ट्रैफिक सूबेदार मोनिका सिंह अपने पति के साथ सिविल कपड़ो में थाने पर पहुंची थी। कार्यकर्ताओं की भीड़ के बीच जब सूबेदार मोनिका सिंह को थाने पर छोड़ने आये उनके पति ने जब गाड़ी निकालना चाही तो बजरंगदल कार्यकर्ता उनसे भी उलझ गए। सिविल में आयी थाना प्रभारी सूबेदार ने जब मास्क हटाया जब पदाधिकारियों को समझ आया कि वाहन सवार स्वयं ट्रैफिक सूबेदार मोनिका सिंह है। तब जा कर कार्यकर्ताओं ने रास्ता दिया। इस बात पर भी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की व आरोप लगाया कि पुलिस पति ने गाली देकर बदतमीजी की है। मामला जब बढ़ने लगा तो स्टेशन रोड़ थाना प्रभारी किशोर पाटनवाला भी मौके पर पहुँचे। काफी देर बाद मामले को समझा बुझाकर शांत किया गया।
बजरंगदल के कार्यकर्ताओं का आरोप है की त्यौहार के समय चालानी कार्यवाही से आम लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी फोन भी नहीं उठाते है। वहीं ट्रैफिक सूबेदार मोनिका सिंह ने इस मामले में जानकारी देते हुए कहा की मेरे पास फोन आये तब में एसपी साहब के समक्ष थी। फोन नहीं उठाने की बात पर यह पूरा मामला हुआ। थाने पर प्रदर्शन के दौरान जिला संयोजक राघव त्रिवेदी, विभाग संयोजक मोहित चौबे, जिला अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र वर्मा, जिला मंत्री राहुल सोनी आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।