इंडियामिक्स/रतलाम इन दिनों कई बीमारियों का प्रकोप रतलाम जिले में देखने को मिल रहा है जिनमे से डेंगू के मरीज काफी मात्रा मिल रहे है । डेंगू में मरीजों को ब्लड प्लेटेरेट की आवश्यकता पड़ते ही रहती है । डॉ लक्ष्मी नारायण पाण्डेय मेडिकल कॉलेज में बीमारी से पीड़ित मरीज को इलाज करने के बजाय रतलाम से बाहर इलाज के लिए भेजा जाता है जबकि जिस बीमारी में काम आने वाले मशीनरी उपकरण मेडिकल कॉलेज रतलाम में मौजूद है उसके बावजूद भी इन मशीनी सुविधाओं को चालू करने की बजाय उसको बंद कमरे में शो पीस की तरह सजाकर रखा जाता है।
रक्तमित्र मो.शोएब द्वारा इंडियामिक्स न्यूज को बताया गया की रतलाम शासकीय मेडिकल कॉलेज में एस.डी.पी (ऐफ्रेसिस) प्लेटलेट्स मशीन और लाइसेंस पूर्व में 9 जून 2022 को ही रतलाम मेडिकल कॉलेज में आ चुकी है फिर भी इस एस.डी.पी. प्लेटलेट्स मशीन का संचालन नहीं होना मेडिकल कॉलेज जिम्मेदार अधिकारीयो को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।
रक्तमित्र बादल वर्मा द्वारा बताया गया की एस.डी.पी. प्लेटलेट्स मशीन के संचालन के लिए सी.एम हेल्पलाइन पर दिनाँक 21.08.24 को शिकायत भी दर्ज करायी गयी थी पर शिकायत को लगभग 1 महीना ऊपर बीत जाने के बाद भी एस.डी.पी. प्लेटलेट्स मशीन के संचालन का कोई निराकरण नहीं निकला और यह भी बताया गया की जो मरीज़ डेंगू बीमारी के चलते प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ने पर मरीजों को शासकीय मेडिकल कॉलेज से रतलाम बाहर भेजा जाता है। और कितनी बार ग्रामीण मरीज के परिजनों को प्लेटलेट्स की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण प्लेटलेट्स के लिए हताश होना पड़ता है।
जब एस.डी.पी.प्लेटलेट्स मशीन की समस्या का सी.एम हेल्पलाइन पर भी शिकायत करने के बाद भी कोई निराकरण नहीं होने पर आज रक्तमित्रो द्वारा शासकीय मेडिकल कॉलेज डिन अनीता मुथा को एसडीपी प्लेटलेट्स मशीन संचालन के लिए ज्ञापन दिया गया।
एस.डी.पी.प्लेटलेट्स मशीन का संचालन चालू था पर प्लेटलेट्स बेग नहीं होने पर मशीन का संचालन रुका हुआ था और प्लेटलेट्स बेग के लिए उच्च संबंधित अधिकारी को अवगत करा दिया गया है 3 से 4 दिन में एस.डी.पी.प्लेटलेट्स मशीन का संचालन चालू कर दिया जाएगा – डीन अनीता मुथा, शासकीय मेडिकल कॉलेज रतलाम
जिसमें रक्तमित्र टीम के जितेंद्र टांक, जुगल पंड्या,दीपक पांचाल,मो शोएब, बादल वर्मा,गोलू सिंह भाटी,अमीन अंसारी,अशोक जैसवार,राहुल शर्मा आदि मौजूद थे।