कोरोना के प्रकोप के बीच लॉक डाउन के कारण जो कार्य असहज लगता था, उसे रतलाम की जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभा पोरवाल द्वारा दी गई आन लाइन व्यवस्था ने सहज बना दिया
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रतलाम इंडियामिक्स न्यूज़ कोरोना के प्रकोप के बीच लॉक डाउन के कारण जो कार्य असहज लगता था, उसे रतलाम की जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभा पोरवाल द्वारा दी गई आन लाइन व्यवस्था ने सहज बना दिया। आन लाइन जमानत आदेश से एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार एक आरोपी को सैलाना उपजेल से रिहा कर दिया गया।
एनडीपीएस एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार श्रीवास्तव ने आरोपी को 50 हजार रुपए की जमानत प्रस्तुत करने पर रिहा करने के आदेश दिए।
अभिभाषक प्रकाश मजावदिया एवं जितेन्द्र सिंह हेरोकिया जाट ने नामली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया। आरोपी नानूराम पिता सूरजी मकवाना को जमानत पर छोडने का आवेदन लॉक डाउन के चलते आन लाइन किया था। अभिभाषकद्वय ने बताया कि इस आवेदन पर न्यायालय ने आनलाइन ही केस डायरी तलब की और वीडियो कान्फ्रेंसिंग से सुनवाई की।
ऑनलाइन जमानत आवेदन पर की बहस
अभिभाषक ने आनलाइन जमानत आवेदन पर बहस की और न्यायालय ने उनके तर्को से सहमत होकर जमानत आवेदन स्वीकार किया। बाद में ई-मेल से जमानत के पत्र प्रस्तुत किए गए और न्यायालय ने उन्हें तस्दीक कर आरोपी की रिहाई के लिए जेल को आन लाइन आदेश भेजा। इस आदेश के बाद आरोपी को सैलाना उपजेल से रिहा कर दिया गया। प्रकरण में आरोपी की पैरवी एडवोकेट प्रकाश मजावदिया एवं जितेन्द्र सिंह हेरोकिया जाट ने की।
यह था मामला
बिलपांक थाना के ग्राम उचवानियापाड़ा में स्कूल के पास से 12 अप्रैल 2020 को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार में सवार आरोपी दिलावर, बद्रीलाल निवासी सिमलावदा खुर्द को 1 किलो 300 ग्राम गांजा की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कार में सवार दो अन्य लोग बांगरोद निवासी बालकृष्ण उर्फ ओम पण्डित एवं महेश पाटीदार भाग गए थे, जिन्हें बाद में विवेचना के दौरान गिरफ्तार किया गया। आरोपी दिलावर एवं बद्रीलाल ने उक्त गांजा नानूराम से लाने की जानकारी दी थी, जिसपर 16 मई को पुलिस ने नानूराम को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। न्यायालय ने उसे जेल भेज दिया था।