रतलाम में राम मंदिर के लिए भावनाओं का समर्पण….कहानी ऐसी जो सोचने पर कर दे मजबूर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निधि समर्पण अभियान देश के शहर शहर गांव गांव में हिलोरें ले रहा है राम सेवकों की टोलियां बस्ती मोहल्लों में राम भक्तों से समर्पण निधि का संग्रह कर रही है। एक भावुक दृश्य मध्यप्रदेश के रतलाम नगर की मालीकुआं बस्ती का है। मोहल्ले के एक घर में एक दिव्यांग बहन कुमारी शारदा शर्मा जो कि मूलतः समीप के गांव प्रीतम नगर की है और वह जन्म से ही दोनो पैरों से पोलियो ग्रस्त है। जन्म के बाद ही उनकी माँ उनकी पीड़ा सहन नही कर सकी और उन्हें छोड़ कर चल बसी। तीन भाई बहनों को दादी ने प्यार से पाल पोस कर शिक्षित कर पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया। एम ए की शिक्षा प्राप्त कर रतलाम के कलेक्टर कार्यालय में इंटरव्यू के बाद नोकरी हेतु चयन हुआ और इस तरह पैरों पर खड़े होकर उन्होंने अपनी दादी के सपनों को साकार किया। 34 वर्ष 34 दिन की नोकरी में कार्यालय के सभी साथी कर्मचारियों अधिकारियों द्वारा उन्हें भरपूर सहयोग मिला कार्यालय और घर के माहौल में उन्हें कभी अंतर नहीं महसूस हुआ।
शासकिय सेवा से निवृत्त होने के ५बाद अपने घर में ईश्वर के प्रति कृतज्ञभावों के साथ आनंद का जीवन व्यतीत कर रही दिव्यांग बहन ने श्री राम जन्मभूमि के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आते ही तय कर लिया था कि ‘ ईश्वर ने अक्षम होने के बाद भी मुझे इतना कुछ दिया है, सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा के बाद प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर जन्मभूमि पर निर्माण होने वाला है, जब कोई मुझे अयोध्या ले जाएगा तब वहां प्रभु के चरणों में, उसका दिया उसी को मैं भी कुछ अर्पण करुंगी। ‘ और योगानुयोग से अयोध्या श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा वृहद योजना से राम सेवकों के द्वारा ऐसे लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की भावनाओं को साकार करने के लिए घर-घर संपर्क का अभियान प्रारंभ हुआ।
राम भक्तों की समर्पण निधि संग्रह टोली को अपने मोहल्ले में देख दिव्यांग बहन ने उन्हें अपने घर में बुलाया और अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि “मेरे जीवन में मुझे सब कुछ देने वाला तो भगवान ही है में उन्हें कुछ देने वाली कौन होती हूं ! लेकिन प्रभु ने मुझे जो दिया है उसमें से मैं अपनी शक्ति के अनुसार अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए फूल की जगह पंखुड़ी अर्पण करना चाहती हूं। सोचा कोई मुझे अयोध्या लेकर जाएगा और रामजी ने आपको ही समर्पण लेने भेज दिया” इतना कहते हुए दिव्यांग बहन ने ₹21000/- की राशि का चेक राम सेवकों के सामने रखते हुए सहज भाव से कहा “मेरी शक्ति अनुसार में केवल इतना ही दे पाई हूं।”
बहन कुमारी शारदा शर्मा की ईश्वर के प्रति अपार श्रद्धा, समर्पण और निधि संग्रह करने वाले राम सेवकों चेक सौंपते हुए के प्रति विश्वास का भाव देख वहां उपस्थित संघ के जिला प्रचारक श्री विजेंद्र जी गोठी एवं जिला सह कार्यवाह श्री पवन जी जायसवाल के साथ उपस्थित सभी राम सेवक भी भाव विभोर हो गए। दिव्यांग होते हुए भी बहन ने श्री राम जी के मंदिर को भव्य के साथ दीव्य बनाने के लिए निधि का जिस भाव से समर्पण किया वह हमेशा याद रहेगा।