मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने प्रदेश के कृषिमंत्री व मुख्यमंत्री पर प्रश्न करते हुये प्रदेश में किसानों की आय कम होने का आरोप लगाते हुए प्रदेश के कृषिमंत्री का इस्तीफा माँगा
भोपाल,(इंडियामिक्स) मप्र कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने संसद की स्थाई समिति की 24 मार्च को पेश रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी होने की बजाय और कम हो गई है। इसलिए प्रदेश के कृषि मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पिछले कई वर्षों से वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा और वादा निरंतर कर रही है। वर्ष 2022 आ चुका है, लेकिन अफसोस है कि किसानों की आय दोगुनी होने के बजाय और कम होती जा रही है।
सलूजा ने मंगलवार को कहा कि संसद की स्थाई समिति की 24 मार्च को पेश रिपोर्ट में यह सच्चाई सामने आई है कि मध्यप्रदेश में एक किसान परिवार की मासिक आय में 1401 रुपये की कमी हो गई है। यह स्थिति उस प्रदेश की है जो कृषि आधारित प्रदेश है, जिसके मुखिया खुद को किसान पुत्र बताते हैं। सलूजा ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सरकार की नीतियों के कारण मध्य प्रदेश का किसान कर्ज के दलदल में निरंतर फंसता जा रहा है। उसे ना उसकी खराब फसलों का मुआवजा मिल पा रहा है, ना फसल बीमा का लाभ, ना उसकी उपज का सही मूल्य और ना खाद-बीज -बिजली-पानी समय पर मिल पा रहा है। किसानों की उत्पादन लागत भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा, शर्म की बात है कि संसद की स्थाई समिति की सामने आयी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मप्र का कृषि विभाग इस मामले में मूकदर्शक बना रहा। इस सच्चाई के बाद प्रदेश के बड़बोले कृषि मंत्री देश-दुनिया की राजनीति पर बयानबाजी करने में लगे रहते हैं, उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है, उन्हें तत्काल पद से हटाना चाहिए।
सलूजा ने निशाना साधते हुए कहा कि आज भी शिवराज सरकार किसानों की तरफ ध्यान देने के बजाय, इवेंट -अभियान-आयोजनो में ही लगी हुई है। अभी पचमढ़ी इवेंट में भी किसानों के इस मुद्दे पर ना कोई चर्चा हुई, ना कोई बात हुई और ना उनके हित में कोई निर्णय लिया गया।