आशा कार्यकर्ताओ ने नियमितीकरण की मांग मजदूरों ने कहा श्रम विरोधी कानून वापस लो देश की दुधारू नवरत्न कंपनियों को बेचना बंद करो संगठन मजदूरों ने भरी हुंकार श्रमकोड बिल वापस लो
सीहोर / इंडियामिक्स न्यूज़ गुरूवार को भारतीय जीवन बीमा निगम कार्यालय के सामने निगम के कर्मचारी और आशा उषा एवं आशा सहयोगिनी सीटू यूनियन के मजदूर एकत्रित हुए और देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में जोरदार नारेबाजीकर धरना दिया। एलआईसी कार्यालय में ताले लटके रहे। आशा कार्यकर्ताओ ने नियमितीकरण की मांग की, मजदूरों ने श्रम विरोधी कानून वापस लेने की मांग की। एलआईसी कर्मियों ने देश की दुधारू नवरत्न कंपनियों को बेचना बंद करने की मांग रखी। मजदूर संगठनों हुंकार भरकर श्रमकोड बिल वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से की।
आशा उषा यूनियन सीटू की जिला महासचिव ममता राठौर ने कहा कि वर्षो से हम लोग नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं न्यूनतम वेतन 21 हजार की मांग की जा रही है हमें कोरोन योद्धा घोषित कर10 हजार देने की मांग की गई। हमने घर घर जाकर कोविड-19 के मरीजों की जांच करने में मदद की कोरोना पीडि़त लोगों का पता लगाया लेकिन हमें ही हमारी जायज मांगों से वंचित किया जा रहा है। हमारा सरकार से आग्रह है कि वह हमारी जायज मांगों को यथाशीघ्र पूरा करें।
संयुक्त मजदूर एकता यूनियन के जिला महासचिव दिनेश मालवीय ने कहा कि सरकार ने श्रमकोड बिल पास करके मजदूरों की कमर तोड़ दी है अब 8 घंटे के स्थान पर 12 घंटे का कानून एवं परमानेंट नौकरियों का खात्मा कर दिया गया है। पेंशन खत्म कर दी गई है मजदूरों को गुलामी के दलदल में डाल दिया गया है।
सीटू के सफीक अंजुम ने कहा कि सरकार अपनी जन विरोधी नीतियों से बाज नहीं आ रही है छात्रों को शिक्षा के नाम पर लूटा जा रहा है एवं उनके रोजी-रोटी एवं रोजगार की सरकार को तनिक भी चिंता नहीं है । जीवन बीमा यूनियन के संयुक्त मंत्री राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार देश के नवरत्न दुधारू कंपनियों को बेचने पर आमादा हो गई है देश की कोल इंडिया देश की पेट्रोलियम कंपनियों बीएसएनएल एयर इंडिया देश की रीढ़ रेलवे को बेचने का निर्णय सरकार ने कर लिया है कहा गया था कि देश नहीं बिकने दूंगा लेकिन पूरे देश की संपत्तियों को बेचकर देश को खोखला करने का काम यह सरकार कर रही है मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की मांग लंबे समय से की जा रही है फिक्स टर्म एंप्लॉयमेंट के माध्यम से परमानेंट नौकरियों पर हमला कर दिया गया है ।
कोविड-19 के समय 14 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए लेकिन सरकार ने उनको कोई राहत नहीं दी ट्रांसपोटज़् के क्षेत्र में कंडक्टर ड्राइवर क्लीनर भीषण संकट से जूझ रहे हैं सरकार से लगातार मांग की जा रही है कि इनकम टैक्स के दायरे से बाहर सभी नागरिकों को 7500 प्रति माह दिए जाएं लेकिन सरकार पूंजीपतियों की तिजोरी भरने में लगी हुई है एवं पीडि़त जनता के दर्द को दरकिनार कर दिया गया है पूरे देश में आज लगभग 25 करोड लोग हड़ताल पर हैं।
श्री गुप्ता ने कहा की हड़ताल के माध्यम से चेतावनी है कि सरकार पूंजीपतियों के स्थान पर आम नागरिकों की समस्याओं का समाधान करें और उनके दर्द और तकलीफों को दूर करें तथा देश विरोधी मजदूर विरोधी कर्मचारी विरोधी आशा उषा एवं आशा सहयोगिनी विरोधी नीतियों को तुरंत वापस ले अन्यथा भविष्य में और भी भीषण संघर्ष के लिए हम मजदूर वगज़् ने कमर कस ली है हड़ताल में जोरदार नारेबाजी की गई।
जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर अपनी मांगों के समर्थन में प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री एवं देश के आला अधिकारियों के नाम ज्ञापन सौंपे गए धरने में प्रमुख रूप से विजय कुमार मांझी, दिनेश कुमार मालवीय, सफीक अंजुम ,राकेश कुमार राठौर, सिल्वेरियुस, शकुन पाटिल, श्रीमती हेमलता वशिष्ट, प्रमिला शास्त्री, सुनीता स्मिता, हीरामणि, मनीषा मेहरा, शीला मेवाड़ा, जयाप्रदा मेवाड़ा, श्रीमती बसु राजमणि, रजनी विश्वकर्मा, गुलाब भाइर्, ममता भारती, दीपक पुरबिया, अमरावती, संगीता, सावित्री, गायत्री, मीरा कुमर,े बालमुकुंद मिश्रा, राजेंद्र कुमार प्रमुख रूप से मौजूद थे ।