लॉकअप में बंद एक आरोपी ने पानी मांग लिया था इस बात खफा होकर पुलिसकर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी जिससे गांव जाते समय उसकी मौत हो गई
उज्जैन / इंडियामिक्स न्यूज़ नीलगंगा थाना क्षेत्र के ग्राम मुंडला सुलेमान में रहने वाले एक युवक को जमानत करवाना महंगा पड़ गया करीब 10 साल पहले बिजली एक्ट का मामला दर्ज हुआ था जिसमें राहुल गांव में रहने वाले गोविंद की जमानत के लिए आने पहुंचा था उसका कसूर सिर्फ इतना था कि लॉकअप में बंद एक आरोपी ने पानी मांग लिया था इस बात खफा होकर पुलिसकर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी जिससे गांव जाते समय उसकी मौत हो गई
ग्राम मुंडला सुलेमान निवासी राहुल पिता विनोद सिंह 32 साल गांव में रहने वाले गोविंद प्रजापत की जमानत के लिए उसके पुत्र सुभाष प्रजापत के साथ नीलगंगा थाने पहुंचा था। शाम को न्यायालय से जमानत होने के बाद तीनों थाने पर जप्त मोबाइल लेने पहुंचे थे। इस दौरान लॉकअप में बंद एक आरोपी ने पानी मांग लिया। जिसके बाद राहुल ने उसे बोतल में पानी दे दिया। आरोप है कि इसी बात से आक्रोशित होकर एएसआई और एक आरक्षक ने राहुल से गाली गलौज करते हुए मारपीट की। इसके बाद उन्होंने राहुल को लॉकअप में बंद कर दिया। परिजनों के पहुंचने के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। गांव जाते समय रास्ते में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
थाने से छूटने के बाद राहुल गोविंद और सुभाष बाइक पर सवार होकर अपने गांव जा रहे थे। ग्राम में मेंडिया के समीप तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई। 108 एंबुलेंस की सहायता से सुभाष और गोविंद उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर राहुल के परिजन भी पहुंच गए थे। डॉक्टर ने उसे परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया था। जानकारी मिलते ही मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पहुंच गए थे।
मृतक के रिश्तेदार देवेंद्र सिंह दिखित का आरोप है कि नीलगंगा थाने में राहुल को इतनी बुरी तरह से पीटा की उसके शरीर पर मारपीट के निशान पड़ गए थे। इस संबंध में जब वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शिकायत की गई तो उन्होंने मारपीट की घटना से स्पष्ट इंकार कर दिया। वही जब थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने को कहा तो अधिकारियों ने कहा कि थाने के कैमरे कई दिनों से बंद है।
10 साल पुराने मामले में करवाने आए थे जमानत
ग्राम मुंडला सुलेमान मैं रहने वाले गोविंद प्रजापत के खिलाफ बिजली एक्ट के तहत वारंट जारी हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने गोविंद और सुभाष को थाने पर बुलाया था। मामला न्यायालय का था इसलिए दोनों की जमानत करवानी थी। जिसके लिए राहुल उनकी जमानत के लिए नीलगंगा थाने पहुंचा था। जहां लॉकअप में बंद आरोपी को पानी देने की बात को लेकर पुलिस स्टाफ ने उसकी पिटाई कर दी।
राहुल को कुछ देर के लिए थाने पर बिठाया गया था। इसके बाद उसे छोड़ भी दिया गया था। रास्ते में तीनों ने शराब पी थी। जिसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण सामने आ जाएगा।