PM मोदी द्वारा UCC को लेकर भोपाल में दिए गये गंभीर बयान के बाद देश भर के आदिवासी एवं मुस्लिम समाज के बीच इसका मुखर विरोध देखने को मिल रहा है
खरगोन: PM मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर भोपाल में दिए गये गंभीर बयान के बाद देशभर के आदिवासियों का एक बड़ा वर्ग अपनी संस्कृति और सालों से चले आ रहे नियमों के संरक्षण हेतु चिंतित है। जयस जिला प्रभारी सुभाष पटेल और जिला अध्यक्ष कोलू खोड़े ने प्रेस नोट जारी कर UCC BILL पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि UCC आदिवासी समाज के विरुद्ध है। केन्द्र सरकार ने इसे लागू करने का प्रयास किया तो आदिवासी समाज द्वारा तीव्र विरोध किया जाएगा।
UCC से इन बातों को लेकर नाराज है JAYS
जयस पदाधिकारियों ने बताया कि UCC लागू होने से जनजातियों के प्रथागत कानून समाप्त हो जाएंगे। आदिवासियों को संविधान की 5 वीं और 6 ठी अनुसूची तथा अनुच्छेद 244 के अंतर्गत विभिन्न अधिकार प्राप्त हैं। सुप्रीम कोर्ट के समय-समय पर जारी निर्णयों के अनुसार आदिवासी देश के मूल मालिक हैं लेकिन UCC लागू होने से हमारे अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
आदिवासी पारम्परिक ग्रामसभा से संचालित होते हैं तथा उनपर Hindu Marriage Act (हिन्दू मैरिज एक्ट) लागू नहीं होता है। आदिवासियों की बोली, भाषा, रीति-रिवाज, पूजा पद्धति अन्य लोगों से अलग है। UCC लागू होने पर देश में विवाह, विभाजन, गोद लेने, विरासत और उत्तराधिकारी के संबंध में विभिन्न अद्वितीय प्रथागत कानून नष्ट हो जायेंगे। कोड उन रीति-रिवाजों को कमजोर करेगा, जिन्हें कानून द्वारा बल दिया गया है। वंशानुक्रम और उत्तराधिकार की मातृ सत्तात्मक और पितृ-सत्तात्मक दोनों पद्धतियों का पालन करने वाली जनजाति इससे प्रभावित होगी।
मुस्लिम समाज के द्वारा भी किया जा रहा है विरोध
देश में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून लागू होने की सुगबुगाहट के साथ ही उसके विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। इस कानून को लेकर आदिवासी समाज के साथअब मुस्लिम समाज भी आपत्ति दर्ज करवा रहा है। इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोगों से इस कानून का विरोध करने ‘अपील की है। विरोध के लिए बाकायदा एक लिंक जारी किया गया है, जिस पर वो अपनी बातें रख सकते हैं। इस लिंक के प्रचार-प्रसार के लिए मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में घरों के बाहर पोस्टर चस्पा किए जा रहें हैं। इस लिंक में के माध्यम से UCC के विरुद्ध आपत्ति दर्ज करवाने के लिए दिए गये लिंक पर क्लिक करना होगा, जहां पर विरोध का मसौदा पहले से ही मौजूद हैं। बस उसे कॉपी कर अपनी मेल आईडी से उसे लॉ कमीशन को भेजना होगा।