कोरोना वायरस से बचने के लिए एक ओर जहां लोग इसकी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं वहीं छत्तीसगढ़ में सत्तासीन भूपेश बघेल की सरकार ने केंद्र सरकार से कोवैक्सीन टीका नहीं भेजने की गुजारिश की है। इस मामले को लेकर राज्य सरकार और विपक्षी दल भाजपा में तनातनी मच गई है।
IMN – कोरोना वायरस से बचने के लिए एक ओर जहां लोग इसकी वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं वहीं छत्तीसगढ़ में सत्तासीन भूपेश बघेल की सरकार ने केंद्र सरकार से कोवैक्सीन टीका नहीं भेजने की गुजारिश की है। इस मामले को लेकर राज्य सरकार और विपक्षी दल भाजपा में तनातनी मच गई है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कहा है कि उनके राज्य में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन टीके की खेप न भेजी जाए क्योंकि इसके तीसरे चरण का परीक्षण नहीं हुआ है।
टीएस सिंह देव ने पत्र में आगे लिखा है, “हमें कोवैक्सीन की 186880 डोज मिली है। मैंने पहले ही कोवैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर समुदाय की चिंताओं को आपके साथ साझा किया है। हम कोवैक्सीन खुराक के साथ अपने लाभार्थियों का टीकाकरण करने से ज्यादा खुश होंगे, तीसरे चरण के परीक्षणों का परिणाम पूरा हो जाएगा और इसको साझा किया जाएगा. तब तक के लिए कोवैक्सीन न भेजें क्योंकि टीके आमतौर पर आपातकालीन परीक्षण के तहत इस्तेमाल करने लायक नहीं होंगे। निर्णय पर पुनर्विचार करें ताकि वैक्सीन की खुराक बर्बाद न हो”।
आपको बताते चलें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने जनवरी के पहले हफ्ते में भारत बॉयोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज अप्रूवल दे दिया था। कई राज्यों में लाखों लोगों को कोवैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है और इसका कोई गंभीर दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार इस वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रही है। राज्य में पहले चरण के टीकाकरण अभियान में अब तक करीब 2.74 लाख स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया जा चुका है।