![Happily bought an AC ticket, when reached the station the entire coach was missing](https://www.indiamix.in/wp-content/uploads/2025/01/1002535672-1024x576.avif)
जयपुर/इंडियामिक्स: जयपुर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार शाम बेहद हैरान अजीब मामला सामने आया. जयपुर से जैसलमेर के बीच चलने वाली लीलण एक्सप्रेस का थर्ड एसी का टिकट खरीदकर 64 यात्री स्टेशन पहुंचे. ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आई तो यात्री अपना कोच खोजने लगे लेकिन कोच गायब मिला. एक यात्री को बीई-1 कोच मिला लेकिन वह स्लीपर कोच था. यात्री हंगामा करने लगे. रेलवे अधिकारी दौड़े-दौड़े पहुंचे. आइये जानते फिर क्या हुआ?
जयपुर. सर्दियों में कोहरे की वजह से ट्रेनों का लेट होना सामान्य सी बात है. ट्रेन या कोच में तकनीकी खराबी भी सर्दियों में देखने को मिलती है लेकिन गुरुवार शाम जयपुर जंक्शन पर बेहद ही अजीब तरह का मामला सामने आया. जयपुर से जैसलमेर के बीच चलने वाली लीलण एक्सप्रेस (12468) से यात्रा करने पहुंचे 64 यात्रियों को उनका एसी कोच मिला ही नहीं. रेलवे ने ट्रेन में बीई-1 (थर्ड एसी) कोच ही नहीं लगाया. यात्री असमंजस में पड़ गए. तभी एक यात्री की नजर नॉन एसी कोच पर पड़ी, जिस पर बीई-1/एसएल लिखा हुआ था. अंदर जाकर देखा तो डिब्बा स्लीपर कोच था, एसी का नहीं. यात्रियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया।
हंगामा बढ़ता देख रेलवे के अफसर आनन-फानन में मौके पर पहुंचे. उन्होंने नाराज यात्रियों को किसी तरह समझाया. बाद में रेलवे की ओर से यात्रियों को एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि थर्ड एसी कोच की सुविधा नहीं मिल पाएगी और स्लीपर कोच में ही यात्रा करनी पड़ेगी।
सवाल उठता है कि ऐसा कैसे हुआ कि थर्ड एसी के टिकट जारी हुए लेकिन यात्रियों को कोच नहीं मिला. दरअसल, रेलवे ने ट्रेन से एक माह पहले ही एसी कोच हटा दिया था, लेकिन सिस्टम से नहीं हटाया और टिकट जारी हो गए. दरअसल, रेलवे ने दिसंबर में ट्रेनों में भीड़ को देखते हुए थर्ड एसी श्रेणी का एक अस्थायी कोच ट्रेन में लगाया था. 1 जनवरी के बाद इसे हटा दिया गया, लेकिन सिस्टम में अपडेट नहीं डालने की वजह से कोच में 2 जनवरी के लिए भी 64 यात्रियों की बुकिंग स्वीकार हो गई।
बाद में जब इस चूक का पता लगा तो दूसरा थर्ड एसी कोच ढूंढा गया, लेकिन जयपुर में थर्ड एसी का कोच उपलब्ध ही नहीं था. ऐसे में रेलवे ने यात्रियों को मैसेज के जरिए सूचना दी. यात्रियों को सर्द रात में 10 घंटे तक स्लीपर में यात्रा करनी पड़ी. रेलवे की ओर से कहा गया कि यात्रियों को फुल रिफंड और डिफरेंस के लिए टीडीआर का विकल्प दिया जाएगा।