लालूप्रसाद यादव की तरफ से झारखण्ड उच्च न्यायालय में पैरवी कर रहें थें कांग्रेस के नेता और देश के बड़े वकील कपिल सिब्बल. सिब्बल ने कोर्ट से कहा की आरोपी अपनी आधी सजा काट चुका है ऐसे में आयु, बीमारी आदि अन्य स्थितियों को देखतें हुये उसे जमानत मिलनी चाहिये.
राँची : झारखंड हाईकोर्ट से शनिवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। अदालत ने दुमका कोषागर मामले में आधी सजा पूरी करने के आधार पर लालू को जमानत की सुविधा प्रदान कर दी है। अदालत ने लालू प्रसाद को पांच-पांच लाख रुपए जुर्माना राशि जमा करने और एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी।
हालांकि कोर्ट की बिना अनुमति के वह देश से बाहर नहीं जा पाएंगे और ना ही किसी भी सूरत में अपना पता और मोबाइल नंबर बदलेंगे। हाईकोर्ट ने लालू को जमानत देने के दौरान इन शर्तों को लगाया है।
कोर्ट में लालू प्रसाद की ओर से एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील पेश की। इसमें सिब्बल ने याचिका के अनुरूप कोर्ट को बताया कि लालू यादव ने अपनी आधी सजा पूरी कर ली है। ऐसे में अब उन्हें जमानत मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि सीबीआइ कोर्ट की ओर से विभिन्न धाराओं के तहत लालू को सात सात साल की सजा सुनायी थी। दुमका कोर्ट ने कहा था कि दोनों सजाएं अलग- अलग चलेंगी। ऐसे में दुमका कोर्ट की ओर से लालू को 14 साल की सजा दी गयी। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में हुई।
कोर्ट ने 19 फरवरी को जमानत याचिका की थी वापस
नौ अप्रैल को लालू प्रसाद ने अपनी आधी सजा पूरी की। इसी वक्त दुमका के वकील देवर्षि मंडल की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी। इसमें जमानत की मांग की गयी थी। इसके पहले भी लालू के लिये जमानत की मांग की गयी थी, जिसे कोर्ट ने 19 फरवरी को वापस कर दिया था। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि लालू प्रसाद ने आधी सजा पूरी नहीं की है। ऐसे में आधी सजा पूरी होने पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई की और जमानत याचिका मंजूर किया।
उल्लेखनीय है कि यह मामला दुमका कोषागार से संबधित है। आरोप है कि लालू ने दुमका कोषागार से 89 लाख 27 हजार की अवैध निकासी की थी। सुप्रीम कोर्ट के नियमों के मुताबिक आधी सजा पूरी होने पर जमानत मिल सकती है। फिलहाल लालू का इलाज दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में चल रहा है। जमानत मिलने के बाद अब लालू जेल से छूट जाएंगे।