प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राजग सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था तीसरे नंबर पर पहुंचेगी
नयी दिल्ली,(एजेंसी) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) को देश का अब तक का सबसे ‘दिशाहीन’ गठबंधन करार दिया और ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देते हुए कहा कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।
बैठक में मौजूद सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्ष की आलोचना की और भरोसा जताया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में जीत के साथ ही सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को लगातार तीसरा कार्यकाल मिलना तय है।
केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष के ‘हताश और निराश’ व्यवहार का उल्लेख किया और कहा कि उसके इस रुख से यह दिखाई पड़ता है कि उसने आने वाले कई वर्षों तक विपक्ष में रहने का निर्णय लिया है।.विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ (गठबंधन) नाम के बैनर तले लामबंद होने के बीच प्रधानमंत्री ने देश के नाम का इस्तेमाल करने वाले कुछ प्रतिबंधित चरमपंथी और आतंकवादी संगठनों सहित कुछ अन्य संगठनों के इतिहास का हवाला दिया और समूह को भ्रष्ट नेताओं और पार्टियों का गठबंधन बताया।
सूत्रों के अनुसार मोदी ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम भी एक अंग्रेज ए ओ ह्यूम ने रखा था। जो संगठन शासन करना चाहते हैं और देश को तोड़ना चाहते हैं, जो इसे विभाजित करना चाहते हैं, उन्होंने लोगों को गुमराह करने के लिए ‘भारत’ और ‘भारतीय’ जैसे नामों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि लोग अब परिपक्व हो गए हैं और इस तरह के नामकरण से गुमराह नहीं होंगे।
भाजपा द्वारा विपक्षी दलों पर संसद की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाए जाने पर मोदी ने कहा कि वे अधिक गैर जिम्मेदार हो गए हैं और इससे सत्तारूढ़ दल के लिए अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करना अनिवार्य हो गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने (प्रधानमंत्री) एक बहुत बड़ी टिप्पणी की। इंडियन नेशनल कांग्रेस एक अंग्रेज ने बनायी थी। ईस्ट इंडिया कंपनी भी अंग्रेजों ने बनाई थी। आज कल लोग इंडियन मुजाहिद्दीन और इंडियन पीपुल्स फ्रंट भी नाम रखते हैं…तो चेहरे पर चेहरे चढ़ा लेते हैं, सच्चाई कुछ और है।’’
भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि जो लोग देश को तोड़ना चाहते हैं, उनके पास भी ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे नाम हैं, लेकिन लोग इन हथकंडों से गुमराह नहीं होंगे।
विपक्षी दलों ने पिछले दिनों बेंगलुरू में हुई बैठक के बाद 18 जुलाई को अपने गठबंधन का ऐलान किया था जिसका नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलांयस’ (इंडिया) रखा था।
विपक्ष मांग कर रहा है कि मोदी संसद में चर्चा से पहले मणिपुर मुद्दे पर बयान दें।
इस पर भाजपा ने जोर देकर कहा है कि वह चर्चा के लिए तैयार है और गृह मंत्री अमित शाह इसका जवाब देंगे। प्रह्लाद जोशी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया भी सोचती है, भारत के लोग भी सोचते हैं कि यह शुरुआत है। इसलिए दुनिया भी इस सरकार के साथ, इस नेतृत्व के साथ आगे बढना चाहती है। इसलिए बहुत महत्वपूर्ण समझौते हुए है। विश्व में भारत की मान्यता बहुत बढ़ रही है। भारत के लिए प्रशंसनीय बात है कि दुनिया हमारे ऊपर विश्वास कर रही है।’’
जोशी के अनुसार, मोदी ने कहा कि आजादी की 75 वीं वर्षगांठ में देश बदल चुका है क्योंकि 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने जब सत्ता संभाली थी तब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें नंबर पर थी और दूसरे कार्यकाल में यह पांचवें स्थान पर पहुंची है।.
जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने राजग की स्थापना के 25वें वर्ष का उल्लेख किया और कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की विरासत है। उनके मुताबिक मोदी ने इस वर्ष का जश्न मनाने को कहते हुए सांसदों से आह्वान किया कि इस संदर्भ में मुलाकात और बैठकों का सिलसिला आरंभ करें और विचारों का आदान-प्रदान करें।.
जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों से 15 अगस्त को हर घर तिरंगा अभियान चलाने और हर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि इस दौरान देश भर के ब्लॉकों से पौधे लाकर ‘अमृत वन’ बनाने की भी योजना है।
बैठक की शुरुआत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी और तीन दिवंगत सांसदों गिरीश बापट, रतनलाल कटारिया और हरद्वार दुबे को श्रद्धांजलि दी गई।