झालावाड़ म्यूजियम के अधीक्षक उमराव सिंह ने बताया कि 12 प्राचीन मूर्तियों में से 9 अजमेर से झालावाड़ संग्रहालय पहुंच गई हैं, जबकि बाकी तीन मूर्तियों को नाजुक होने की वजह से नहीं लाया जा सकता है
जयपुर (इंडियामिक्स) राजस्थान के झालावाड़ की नौ प्राचीन पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां 113 साल बाद अजमेर के संग्रहालय से वापस लौटीं। अनमोल धरोहर मानी जाने वाली 12 मूर्तियां अजमेर के राजपूताना संग्रहालय में रखी हुई थीं, जिनमें से 9 मूर्तियों को वापस झालावाड़ लाया गया है। साल 2019 में झालावाड़ में पुरातात्विक संग्रहालय दोबारा खुलने के बाद से ही इन मूर्तियों को वापस लाए जाने की मांग की जा रही थी।
झालावाड़ म्यूजियम के अधीक्षक उमराव सिंह ने बताया कि 12 प्राचीन मूर्तियों में से 9 अजमेर से झालावाड़ संग्रहालय पहुंच गई हैं, जबकि बाकी तीन मूर्तियों को नाजुक होने की वजह से नहीं लाया जा सकता है।जिन मूर्तियों को वापस लाया गया है उनमें बैल पर शिव पार्वती, योग नारायण विष्णु, तोरणद्वार में शिव, वराह अवतार खंड, प्रणय युगल मूर्ति, त्रिदेव मूर्ति खंड, जैन तोरणद्वार, देव पुरुष शीश खंड और शीश खंड की मूर्तियां शामिल हैं।
उमराव सिंह ने बताया कि ये मूर्तियां 10वीं से 11वीं सदी की हैं
जिला कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी राजेश गुप्ता करवन ने जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग को चिट्ठी लिखकर मूर्तियां वापल झालावाड़ लाने की मांग की थी। राजेश गुप्ता ने झालावाड़ के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए प्रशासन और विभाग को शुक्रिया कहा है।इतिहासकार ललित शर्मा के मुताबिक, ‘ये प्राचीन मूर्तियां भारत की आजादी से पहले सन् 1908 में झालावाड़ से भेजी गई थीं क्योंकि उस समय राज्य में सिर्फ एक ही पुरातत्व संग्रहालय था। हालांकि, सनु 1915 में झालावाड़ में भी संग्रहालय बन गया था लेकिन ये मूर्तियां वापस नहीं आईं।