120 से अधिक विचरण करने वाले गौवंश का किया श्रृंगार, गौ सेवा संघ के सदस्यों ने पूरे दिन की मेहनत, सनातन धर्म मे गाय को मिला है विशेष दर्जा, शहर में गाय विचरण को रोकने के लिए कोई ठोस योजना अब तक नहीं
रतलाम/इंडियामिक्स : सनातन धर्म में मान्यता है की गाय की सेवा करना विश्वभर में सभी तरह के यज्ञों का पुण्य प्राप्त करने के समान है। हर युग में गाय हम इंसानों के बीच ही हैं और स्वर्ग में निवास करने वाले देवताओं के लिए दुर्लभ हैं। इसलिए भगवान विष्णु के सभी अवतारों में गाय को विशेष दर्जा मिला हैं व भगवान को स्वयं धरा पर अवतरित होकर गौवंश की सेवा करने का मौका मिला। मान्यताओं के अनुसार दीपावली पर गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म के शास्त्रों में बताया गया है कि गाय पवित्र होती हैं। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी तरह गाय माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं।
शहर में गली मोहल्ले में पशु पालकों द्वारा छोड़ देने जाने वाले आवारा गोवंश की रक्षा व उनके इलाज के लिए हर समय एक व्यक्ति खड़ा रहता है जिसका नाम धर्मेंद्र शर्मा है। हमें कभी भी बीमार गाय,कुत्तो आदि की सूचना मिली होगी तो हमने धर्मेंद्र शर्मा को ही सबसे पहले याद किया है। आप मे से कई लोग धर्मेन्द्र को बखूबी जानते भी होंगे। इस दीवाली पर धर्मेंद्र शर्मा व उनकी राष्ट्रीय गौ सेवा संघ नगर की टीम द्वारा गोर्वधन पूजा दिवस के अवसर पर रतलाम के गली-मौहल्लों में सैकडो गौवंशो को सजा कर उनकी पूजा की गई। गोवर्धन पूजा के दिन 120 से अधिक गाय को सृंगार करते हुए उनका पूजन किया गया। टीम के राधेश्याम गुर्जर, लखन गुर्जर, भोला भाटी व अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
बरहाल सड़को पर लाचार की तरह पालतू गायों को केवल दूध निकाल कर छोड़ देने वाले पशु पालकों को इस बारे में सोचना व समझना चाहिए तथा प्रशासन को भी गौ पालन पर ठोस नियम कानून बनाने चाहिए। ना कि मौसम की तरह एक बार कार्यवाही करते हुए उनके घर तबेले आदि को तोड़ा जाना चाहिए। शहर में गौपालन के लिए इंदौर जैसे प्लान की आवश्यकता है।
सभी देवताओं को अपने मे समाहित करती है गौमाता :
दिपावली के अगले दिन सभी गौमाता का पूजन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि गाय देवी लक्ष्मी का स्वरूप है। भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन इंद्र का अपमान कर गिरिराज पूजन किया था। भारतीय परंपरा में गाय की पूजा का बहुत ही महत्व है। गाय को मां का दर्जा दिया गया है। पौराणिक मान्यता है कि गाय में सभी देवों का वास होता है। पंचग्व्य, चरणामृत सहित गाय का दूध गोबर सभी कुछ पवित्र माना जाता है। गाय के घी को औषधीय गुणों वाला माना जाता है।
हिंदू धर्म में गाय :
हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है। गोवर्धन के दिन मंदिरों में श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं और गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से विशेष फल मिल जाता है। वहीं इस दिन लोग घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर जल, मौली, रोली, चावल, फूल, दही और दीप जलाकर पूजा अर्चना किया करते हैं। कहा जाता है इस दिन गायों की पूजा भी की जाती है। और फिर गाय को मिठाई खिलाकर उनकी आरती उतारकर प्रदक्षिणा की जाती है।