मध्यप्रदेश के रतलाम में भी गोवेर्धन पूजा बड़ी धाम से मनाई गई, पशु पालकों में इस त्योहार को लेकर बड़ी मान्यताएं है ।
रतलाम/इंडियामिक्स आज देश भर में गोवेर्धन पूजा हो रही है । इसे लेकर किसानों और पशुपालन करने वालो में खासा उत्साह रहता है । इस दिन गोबर से गोवेर्धन जी आकृतियां बनाकर उनकी पूजा महिलाओ द्वारा की जाती है ।
मान्यताओंके अनुसार जब इंद्रा ने क्रोधित होकर बृज में भयंकर बारिश शुरू कर दी थी तब भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवेर्धन नामक पर्वत उठाकर पूरे बृज को डूबने से बचाया था, तब श्रीकृष्ण ने किसानों और पशुपालको से कहा था कि आप गोवेर्धन की पूजा करे क्योकि इसी के माध्यम से आज पूरे बृज बचाया गया है ।
खीर पूरी और अन्य सामग्री के साथ पूजा होती है
सुबह महिलाएं अपने हाथों से गोबर से गोवेर्धन जी की आकृति बनाकर उन्हें सजाती है । फिर खीर, पूड़ी व अन्य तरह की मिठाइयों से उनकी पूजा की जाती है और वर्ष भर की खुशियों के लिए प्रार्थना की जाती है ।
इसके बाद पशुपालको द्वारा अपने पशुओं को सजाकर आतिबाजी और ढोल धमाकों के साथ उन्हें जंगल ले जाने की शुरुआत होती है ।