आचार्य शेखर ने बताया कि वे 2-3 तारीख को उज्जैन शिप्रा नदी में स्नान, ध्यान, पूजन के बाद महाकाल वन से मिट्टी और महाकाल मंदिर से भस्म लेकर अयोध्या रवाना होंगे
उज्जैन / इंडियामिक्स न्यूज़ कहते है भगवान शिव बस राम नाम जपते है और भगवान राम शिवजी के अनन्य भक्त है । दोनों के सारे कार्य एक दूसरे के बिना पूर्ण नही होते । इसी को ध्यान में रखकर महाकाल की भस्म मंगवाई जा रही है ।
यह जानकारी शुक्रवार को आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने दी। आचार्य शेखर ने बताया कि वे 2-3 तारीख को उज्जैन शिप्रा नदी में स्नान, ध्यान, पूजन के बाद महाकाल वन से मिट्टी और महाकाल मंदिर से भस्म लेकर अयोध्या रवाना होंगे। आचार्य शेखर के मुताबिक भगवान राम का हर ज्योतिर्लिंग से रिश्ता रहा है। इसलिए भव्य मंदिर निर्माण में मथुरा, माया, काशी, कांति, अवंतिका और पुरी सातों नगरी से कुछ न कुछ भूमि का दान पहुंच रहा है।
मान्यता है कि भगवान राम जब उज्जैन आए थे, जब उन्होंने भगवान शंकर की पूजा की थी। उनके नाम पर ही शिप्रा नदी के तट पर राम घाट बना है। जब उन्होंने अश्वमेघ यज्ञ किया था तब हनुमानजी शिप्रा और कोटितीर्थ का जल लेने यहां आए थे। इसी आस्था के साथ हम साधू-संत भी प्राचीन नगरी की पवित्र चीजों को लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं।
महाकाल को चढ़ी भस्म प्रभु श्री राम को बेहद पसंद थी
अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमिपूजन हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन मंदिर का शिलान्यास करेंगे। मंदिर निर्माण के लिए कई तीर्थ स्थलों की मिट्टी के साथ ही महाकाल की भस्म और मिट्टी भी ले जाई जा रही है।