अजीत पवार गुट के नेता और मंत्री छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर बड़ा राज खोला है. छगन भुजबल नासिक से लोकसभा चुनाव के दावेदार थे. भुजबल ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे कहा था कि उन्होंने तैयारी कर ली है, लेकिन एकनाथ शिंदे ने मेरा टिकट काट दिया है. छगन भुजबल ने न्यूज 18 लोकमत को दिए इंटरव्यू में यह खुलासा किया. उन्होंने शरद पवार के संन्यास के संकेत पर भी प्रतिक्रिया दी है. भुजबल ने कहा कि शरद पवार घर बैठने वालों में से नहीं हैं.
छगन भुजबल नासिक निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने में रुचि रखते थे. लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अपनी जिद बरकरार रखने के कारण यह सीट शिवसेना के खाते में चली गयी. अब इस पर छगन भुजबल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं ने मुझसे नासिक से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, इसलिए मैंने तैयारी भी कर ली है.
उन्होंने आगे बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान दो-तीन सूचियां जारी हुईं. लेकिन मेरा नाम नहीं आया. मैंने पूछा तो एकनाथ शिंदे ने इस सीट पर जोर दिया. वे कह रहे थे कि अगर यह सीट शिवसेना को मिल गई तो वे इसके आसपास की चार या पांच सीटें जीत लेंगे, लेकिन नतीजा उलटा आया. मेरा टिकट एकनाथ शिंदे ने काटा.
‘शरद पवार घर पर बैठने वालों में से नहीं’
शरद पवार ने एक चुनावी सभा के दौरान अपने संन्यास का संकेत दिया था. जब छगन भुजबल से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं शरद पवार को कई सालों से जानता हूं. मैं जानता हूं कि वे उस तरह के लोग नहीं हैं जो घर पर बैठे रहते हैं. वे एक दिन भी आराम नहीं करेंगे. ये बात वो पहले भी कई बार कह चुके हैं लेकिन उन्होंने राजनीति से संन्यास नहीं लिया है.
पवार ने तीन बार बीजेपी के साथ जाने की चर्चा की
भुजबल ने यह भी खुलासा किया कि शरद पवार ने तीन बार भाजपा के साथ सरकार बनाने पर चर्चा की लेकिन हर बार पीछे हट गए. जब हमने शरद पवार का समर्थन छोड़ा था, तब 54 विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने के लिए हस्ताक्षर किये थे. वहां रोहित पवार, जीतेंद्र अवाद और जयंत पाटिल भी थे. फिर छगन भुजबल ने भी पूछा कि ये लोग साथ क्यों नहीं आए.