पीसीएफ प्रतापगढ़ के जिला प्रबंधक मोनिक सिंह अकेला पर आरोप लगा था कि वो पीसीएफ में कराते हैं,बेनामी ठेकेदारी। बदले में लेते रहे,अपनी हिस्सेदारी। उनके कार्यकाल में नहीं हो सका था, परिवहन/हैंडलिंग का टेंडर…!!!
प्रतापगढ़ / इंडियामिक्स न्यूज़ प्रतापगढ़ में पीसीएफ में भंडार नायक संतोष कुमार स्थानीय होने के कारण करते हैं,नेतागीरी। अपना पैसा लगाकर दूसरे के नाम ट्रक खरीदकर पीसीएफ में कर रहे हैं परिवहन/हैंडलिंग की ठेकेदारी…!!!
प्रतापगढ़ में ऐसे भी विभाग हैं जहाँ दिन दहाड़े होती है, सरकारी बजट पर डकैती। जिला प्रबंधक, पीसीएफ प्रतापगढ़ रहे मोनिक सिंह अकेला और सहायक गणक दिनेश और भंडार नायक संतोष मिलकर परिवहन/हैंडलिंग का किये हैं,काम। पहले एक ट्रांसपोर्टर रायबरेली से लाकर उसके साथ ऑफ द रिकार्ड करते रहे परिवहन/हैंडलिंग की ठेकेदारी। ट्रांसपोर्टर कुछ दिन बाद भाग खड़ा हुआ। चूँकि रायबरेली वाले ट्रांसपोर्टर का रजिस्ट्रेशन B श्रेणी का है। जबकि प्रतापगढ़ श्रेणी A के अंतर्गत आता है। बिना अनुबंध कराये ही रायबरेली वाले ट्रांसपोर्टर से पीसीएफ में परिवहन/हैंडलिंग का कराया जा रहा है,काम…!!!
मजेदार बात यह है कि परिवहन/हैंडलिंग का कार्य करने वाले ठेकेदारों से किसी भी तरह की धरोहर धनराशि पीसीएफ में जमा नहीं कराई गई। ऐसे में खाद और बीज लेकर ट्रक वाला भाग जाएं तो उसका जिम्मेवार कौन होगा ? इस बात से PCF का कोई अधिकारी इत्तेफाक नहीं रखता जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जिला प्रबंधक रहे मोनिक सिंह अकेला के तवादले के बाद रायबरेली वाला ट्रांसपोर्टर भदौरिया अब कार्य करता है कि पहले की तरह बीच में छोड़कर भाग जाता है और पुनः जनहित की बात करके भंडार नायक संतोष कुमार नवागंतुक जिला प्रबंधक धीरेन्द्र कुमार से सेटिंग करके पुनः अपंजीकृत ठेकेदार रियाजुद्दीन से काम लेते हैं अथवा परिवहन/हैंडलिंग का टेंडर निकाल कर किसी रजिस्टर्ड ठेकेदार का चयन करके नियम कानून के मुताविक परिवहन/हैंडलिंग का कार्य करने की दिशा में काम किया जाता है अथवा पुराने ढर्रे पर ही कार्य किया जाता रहेगा…!!!
पीसीएफ प्रतापगढ़ में भंडार नायक संतोष कुमार पर लगा है,संगीन आरोप। उन पर माह नवम्बर, वर्ष-2018 में 65 टन डीएपी और 30 टन यूरिया गायब कर देने की हुई है शिकायत। शिकायत जब की गई तो सम्बंधित समिति से डाई और यूरिया रिसीव करा लेने का दावा किया गया। हकीकत अभी भी छिपाया जा रहा है। कंधई थाना खमपुर, खभोर निवासी ट्रांसपोर्टर रियाजुद्दीन बिना रजिस्ट्रेशन के पीसीएफ में कर रहे थे,काम। नई-नई फर्म बनाकर पीसीएफ मुख्यालय, लखनऊ में कई बार रजिस्ट्रेशन कराने का कर चुके हैं,प्रयास। जनपद प्रतापगढ़ में पीडीएस की ठेकेदारी हेतु दो ब्लॉक का परिवहन/हैंडलिंग का कार्य परिवहन ठेकेदार मनोज कुमार सिंह द्वारा लिया गया है। उक्त पीडीएस के परिवहन/हैंडलिंग का भी कार्य यही रियाजुद्दीन करते हैं। इन्हें हेरफेर करने का पुराना अनुभव है। रियाजुद्दीन को पीडीएस के अनाज की कालाबाजारी करने एवं पीसीएफ में खाद व बीज की हेराफेरी करने का जो अनुभव है वो दूसरे परिवहन ठेकेदारों को नहीं है। सीजनल धान खरीद हेतु परिवहन/हैंडलिंग का भी कार्य करने में रियाजुद्दीन पीछे नहीं रहते…!!!
PCF के भंडार नायक संतोष कुमार, सहायक गणक दिनेश और तत्कालीन जिला प्रबंधक मोनिक सिंह अकेला की तिकड़ी की विशेष कृपा पर अपंजीकृत परिवहन ठेकेदार रियाजुद्दीन पीसीएफ की परिवहन/हैंडलिंग की ठेकेदारी करके लाखों रुपये कमा चुके हैं। शिकायत हुई तो सिर्फ जिला प्रबंधक मोनिक सिंह अकेला का तवादला झांसी किया गया। जबकि सबसे बड़ा गणितज्ञ भंडार नायक संतोष कुमार और सहायक गणक दिनेश कुमार का तवादला अभी तक नहीं किया गया। ये दोनों नटवरलाल प्रतापगढ़ के लोकल हैं। जब तक इनका तवादला नहीं किया जाएगा तब तक पीसीएफ से खाद और बीज की चोरी बन्द नहीं कराई जा सकती। भंडार नायक संतोष कुमार के दावों पर यकीन किया जाए तो उसके मुताविक इसकी पकड़ PCF मुख्यालय लखनऊ में इस कदर है कि इसके विरुद्ध चाहे जितने साक्ष्य के साथ शिकायत कर दी जाए, इसके ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता l खुलेआम शिकायतकर्ताओं को चुनौती देता है कि चाहे जितनी शिकायत कर लो मेरे ऊपर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला ! क्योंकि मुख्यालय तक सबको हिस्सा दिया जाता है।बेईमानी का काम बड़ी इमानदारी के साथ किया जाता है। भंडार नायक संतोष कुमार परिवहन ठेकेदार के सहयोग से खाद को ब्लैक मार्केट में बेंच कर हजम कर लेते हैं…!!!
भंडार नायक संतोष कुमार का एक प्रकरण अभी भी सुर्खियों में है। पीडीएस पटल प्रभारी दिनेश मौर्य बार-बार पीसीएफ मुख्यालय लखनऊ और जिला प्रबंधक मोनिक सिंह अकेला को अवगत कराते रहे कि 65 टन डीएपी और 30 टन यूरिया का हिसाब नहीं मिला रहा है। फिर भी पीसीएफ मुख्यालय सहित जिला प्रबंधक मोनिक सिंह अकेला के कान में जूं नहीं रेंगी। क्योंकि इस तरह के घपले घोटाले में सभी नीचे से ऊपर तक संलिप्त रहते हैं। तभी तो इतने संगीन आरोप के बावजूद भंडार नायक संतोष कुमार और सहायक गणक दिनेश कुमार अपना पैसा लगाकर दूसरे के नाम ट्रक खरीदकर पीसीएफ में परिवहन/हैंडलिंग की ठेकेदारी कर रहे हैं। उनके इस सहयोग में अपंजीकृत ठेकेदार रियाजुद्दीन और तत्कालीन जिला प्रबंधक मोनिक सिंह अकेला बराबर के सहयोगी रहे। भंडार नायक संतोष कुमार और सहायक गणक दिनेश कुमार अपने को किसी जिला स्तरीय अधिकारी से कम नहीं आँकते। तभी तो पीसीएफ दफ्तर आने जाने के लिए चार पहिया वाहन का इस्तेमाल करते हैं। ताकि भौकाल में कोई कमी न दिखे। देखना है कि नए जिला प्रबंधक धीरेंद्र कुमार महोदय पीसीएफ में भंडार नायक संतोष कुमार और सहायक गणक दिनेश कुमार एवं अपंजीकृत परिवहन ठेकेदार रियाजुद्दीन के चंगुल में फंसते हैं या स्वतंत्र होकर काम करते हैं…!!!