उन्हें कहा जा रहा है कि मुआवजा दो गुना यानि कि प्रति एकड़ करीब 34 लाख रुपया दर से कुल भुगतान होगा। जिससे कि वह संतुष्ट नहीं हैं। इसके पूर्व भी कई बार उनके भूमि अधिग्रहण के विभिन्न दरों पर मनाने की कोशिश की गई है
महराजगंज : भारत-नेपाल के सौनौली बॉर्डर पर बनने वाले इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट निर्माण में फिर एक बार किसानों का असन्तोष बाधा बन के उभर रहा है। किसान होने वाली भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की रकम से असंतुष्ट हैं। शुक्रवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत नौतनवा तहसील सभागर में जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार के नेतृत्व में प्रसाशनिक अमले ने किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए मनाने का प्रयास किया।
लेकिन बात नहीं बनी। डीएम किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाए। डीएम के जाने के बाद नाराज किसानों ने प्रदर्शन किया। किसान बैजू यादव, पिंकू सिंह, विनोद जायसवाल, रामबृक्ष, दिनेश चंद, मेहदी हसन, मदन लाल, रामजीत, सुदामा, टेक बहादुर, अमर जीत व प्रमोद आदि का कहना है कि वर्ष 2004 से ही प्रशासन उन्हें गुमराह कर रहा है। प्रशासन उन्हें गुमराह कर रही है। प्रशासन उनकी भूमि का सर्किल रेट करीब 17 लाख प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दे रही है।
उन्हें कहा जा रहा है कि मुआवजा दो गुना यानि कि प्रति एकड़ करीब 34 लाख रुपया दर से कुल भुगतान होगा। जिससे कि वह संतुष्ट नहीं हैं। इसके पूर्व भी कई बार उनके भूमि अधिग्रहण के विभिन्न दरों पर मनाने की कोशिश की गई है। एक बार उन्हें 84 लाख प्रति एकड़ मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन प्रशासनिक अमला हर बार अपनी बात बदल कर किसानों को अधिग्रहण मानक से कम मुआवजा दे रहा है।
डीएम डा. उज्ज्वल कुमार का कहना है कि किसानों को नियमानुसार भूमि अधिग्रहण का मुआवजा देने की बात चल रही हैं। उनकी आपत्तियां सुनी गई हैं। अगले हफ्ते फिर सौनौली के किसानों से वार्ता कर समस्या का हल निकाला जाएगा।