इंडियामिक्स के पाठकों के लिए खास एक लिंगेश्वर महादेव दर्शन, क्योंकि सिर्फ महाशिवरात्रि को लोगों के लिए खुलने वाले मंदिर इस बार नहीं खुलेंगे . जयसिंह ने स्थापित कर आए थे रत्नेश्वर महादेव, अब पृथ्वीराज परिवार के पास
जयपुर IMN : पूर्व जयपुर राजघराने के स्थापित और साल में एक बार सरदारों के लिए खुलने के बाले महादेव जी के जोगिया शीतकालीन मंदिर मोती डूंगरी एक लिंगेश्वर और सिटी पैलेस के राज राजेश्वर महादेव मंदिर इस बार कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते नहीं खुलेंगे। जयपुर बसनी से पूर्व महाराजा जय सिंह ने अश्वमेध यज्ञ करवाया था। यज्ञके बाद गढ पर गणेश जी, मोती डूंगरी पर रत्नेश्वर महादेव, गलता घाटी में सूर्य मंदिर, काले हनुमान जी के सामने ब्रजराज जी और अंबागढ़ घाटकी गुनी में मां भगवती का मंदिर स्थापित किया गया। किंवदंती है रत्नेश्वर महादेव के साथ परिवार की मूर्तियां स्थापित की थी लेकिन मूर्तियां मंदिर के बाहर पहाड़ी पर मिली तब से केवल महादेव जी यहां विराजमान है एकलिगेशवर महादेव मंदिर साईं परिवार के स्वामित्व बाला मंदिर है पहले पूर्व महाराजा मानसिंह, राजमाता गायत्री देवी, उनके बेटे महाराजा जगत सिंह और महाराजा पृथ्वीराज ,पैटबापजी, अलग-अलग समय में मोती डूंगरी में निवास करते थे और मंदिर में पूजा करते थे।
पूर्व महाराजा रामसिंह ने 18वीं सदी में राजराजेश्वर मंदिर बनाया था
सिटी पैलेस स्थित राजराजेश्वर महादेव मंदिर पूर्व महाराजा सवाई राम सिंह जी ने 18वीं शताब्दी में बनाया था। सिटी पैलेस के व्यवस्थापक धर्माचार्यदिलीप शर्मा बताते हैं कि महाराजा सवाई राम सिंह जी यही महादेव जी की पूजा करते थे।बेबी जयपुर में पहली बार फोटोग्राफी और पतंगबाजी भी लाए थे। सवाई राम सिंह जी के बाद शाही परिवार यहां पूजा करता है। मंदिर में पूर्व राजपरिवार की महारानी पद्मिनी देवी और राजकुमारी दीया सिंह का परिवार निजी सेवा करता है।मंदिर सरदारों के लिए सिर्फ एक दिन महाशिवरात्रि को ही खुलता है महादेव जी का साईं जनों से सिंगार किया जाता है। इस साल कोविड-19 की गाइडलाइंस को देखते हुए मंदिर नहीं खुल सकेगा