सरकार अभिषेक सोनी के परिवार को 2500000 का मुआवजा एवं सरकारी नौकरी दे, 10 दिवस मैं मांगों को नहीं माना जाता तो मुख्यमंत्री आवास पर परिवार सहित की जाएगी भूख हड़ताल की चेतावनी
जयपुर / इंडियामिक्स न्यूज़ प्रदेश में अपनी जान को जोखिम में डालकर कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी और भीषण बारिश में 24 घंटे फील्ड में काम करने वाले पत्रकारों पर जिस तरह से आए दिन कातिलाना हमला हो रहे हैं हैं जानलेवा हमलों में पत्रकारों की मौत तक हो रही है उनको लेकर भारतीय प्रेस आयोग ने गहरा गुस्सा छाया हुआ है राजधानी जयपुर में हाल ही में जिस तरह से पत्रकार अभिषेक सोनी की पीट-पीटकर हत्या की गई उसे भारतीय प्रेस आयोग बुरी तरह से आहत है
हालांकि पुलिस ने आरोपी बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन भारतीय प्रेस आयोग को इसी बात की चिंता है कि अगर राजस्थान सरकार ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई बड़ा कानून लागू नहीं किया तो आने वाले दिनों में कई और पत्रकारों की इसी तरह से संगठित गिरोह कत्ल कर सकते हैं इसलिए भारतीय प्रेस आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमाकांत गोस्वामी प्रदेश अध्यक्ष डिंपल कुमार शर्मा ने प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से पुरजोर मांग की है कि फील्ड में रहकर साफ-सुथरी पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों और उनके परिवार जनों की सुरक्षा के लिए कड़ा कानून बनाया जाए आयोग ने पत्रकार अभिषेक सोनी की हत्या के विरोध और पत्रकारों की सुरक्षा गारंटी कानून को लेकर रविवार को भारतीय प्रेस आयोग के कार्यालय से लेकर अमर जवान ज्योति तक विशाल कैंडल मार्च का आयोजन किया गया
इस आयोजन में राजधानी जयपुर, अजमेर भीलवाड़ा कोटा उदयपुर राजस्थान प्रतापगढ़ चित्तौड़गढ़ अलवर भरतपुर सीकर चूरू झुंझुनू बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, राजसमंद, दोसा, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, जोधपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों से आयोग से जुड़े पत्रकारों ने हिस्सा लिया आयोग ने अपनी सभी जिला इकाइयों को भी निर्देशित किया कि मैं अभिषेक सोनी की हत्या के मामले को लेकर चुप नहीं बैठे और जिलों में भी इसी तरह से कोरोना की गाइडलाइंस का पालन करते हुए पत्रकारों की हत्या के विरोध में और पत्रकार सुरक्षा कानून गारंटी की मांग को लेकर एक व्यापक स्तर पर आंदोलन शुरू करें क्योंकि अब यह समय की मांग हो गई है कि फील्ड में काम करने वाले पत्रकार और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से कड़े प्रबंध किए जाए प्रदेश में वांछित गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोग इस समय लोकतंत्र के चौथे स्थान पर खार खाए बैठे हैं क्योंकि जब फील्ड में रहने वाला पत्रकार उसके काले कारनामों को उजागर करता है तो उसे धंधे पर तो चोट पहुंचती है इसके अलावा उसकी गुंडागर्दी की गतिविधियों पर भी पुलिस और प्रशासन के नैतिक जाती है इसकी वजह से वह अपनी बातचीत गतिविधियों और अवैध काम धंधे को अंजाम नहीं दे पाते
जिसके बाद अपना पूरा गुस्सा उस पत्रकार पर निकाल देते हैं जिसने उसके काले कारनामों को उजागर किया है आयोग ने अपने प्रेस बयान में प्रदेश के संगठित गिरोह और म अवांछित गतिविधियों को चुनौती देते हुए यह भी कहा है कि सच्ची और साफ-सुथरी पत्रकारिता करने वाले पत्रकार इस तरह के कातिलाना हमले से डरने वाली नहीं है कलम की ताकत को एक के फोटो सेवन जैसे हथियार की कमजोर नहीं कर सकते लेकिन आयोग की सरकार से मांगे की फील्ड में रहने रहने वाले पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई ऐसा कड़ा कानून लेकर आए जिसे पत्रकार उसके परिवार वालों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके इस आयोजन में प्रदेश के सभी जिलों के आयोग से जुड़े पत्रकारों ने हिस्सा लिया कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि के द्वारा के मौके पर स्वर्गीय पत्रकार अभिषेक सोनी के परिवार जन मौजूद थे इस मौके पर अनेक पत्रकार मौजूद थे